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Friday, May 25, 2018

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जैन साधु साध्वी एवं जैन समाज

सार संक्षेप:  मात्र कुछ हज़ार समर्पित प्रचारकों के सहारे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश के सांस्कृतिक और राजनैतिक पटल को बदल सकता है तो फिर १५ हजार त्यागी, तपस्वी, विद्वान, पैदल विहारी जैन साधु साध्वी क्या देश से मांस निर्यात भी नहीं रोक सकते?

जैन साधु साध्वी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 

 महावीर के पूर्णकालिक जीवनदानी स्वयंसेवक, विश्व वन्धुत्व की भावना से काम करने वाले, आत्मसाधना और निःस्वार्थ सेवा के भाव से निरंतर चलनेवाले जैन साधु-साध्वी भगवंत सम्पूर्ण समाज को दिशा देने में सक्षम हैं. आज के इस विषम काल में भी १४-१५ हज़ार जैन श्रमण-श्रमणी वृन्द भारत में विचरण कर रहे हैं. इस बात में कोई संशय नहीं है की संयमी तपस्वियों की इतनी बड़ी संख्या बहुत बड़ी क्रांति लाने में सक्षम है.

इस लेख का ये एक पहलु है दूसरी ओर हमने देश के सांस्कृतिक और राजनैतिक पटल पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को उभरते हुए देखा है. आज देश के प्रधान मंत्री से लेकर अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी इस संस्था की देन हैं. अनेकों मंत्री, सांसद, विधायक अदि भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य हैं. राष्ट्रीय ही नहीं अपितु अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में उनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है. ये सबकुछ संभव हो सका है कुछ हज़ार प्रचारकों और बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों के कारण जो अपनी विचारधारा में टीके रहकर लगातार अपना काम करते रहते हैं. वे संघर्ष करते हैं, साथ जुटाते हैं, और जरुरत पड़ने पर अकेले ही चल देते हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में रविशंकर जी के साथ जैन मुनि मैत्रिप्रभ सागर  


मांस निर्यात: अहिंसा की धरती भारत पर कलंक

जैन साधु साध्वी गण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारकों से भी अधिक कठोर और त्यागमय जीवन जीते हैं. निरंतर पैदल चलने के कारन उनका जनसम्पर्क भी संघ के प्रचारकों से ज्यादा होता है. फिर क्या कारण है की इतनी बड़ी संख्या में त्यागी तपस्वी साधक प्रचारकों के होने के बाबजूद हम भारत से मांस निर्यात तक नहीं रोक पाए? जबकि अहिंसा हमारा प्रथम धर्म है. आज भी देश में हज़ारों की संख्या में यांत्रिक कत्लखाने हैं और खरबों रुपये का मांस निर्यात होता है. सबसे शर्मनाक बात तो ये है की महावीर और बुद्ध की यह धरती, हमारा महान भारत देश, दुनिया में मांस का सबसे बड़ा निर्यातक बन कर उभरा है. क्या हम इस कलंक को धो सकेंगे?

यांत्रिक कत्लखाने का लोमहर्षक दृश्य 


जैन साधु साध्वियों का बिहार एवं जैन व जैनेतर समाज पर उनका प्रभाव 

जैन साधु साध्वी साल में ८ महीने लगातार परिभ्रमण करते रहते हैं और इस दौरान बड़े नगरों से लेकर छोटे छोटे गाँव ढाणियों तक के लोगों से उनका संपर्क होता है. समाज के अमीर गरीब, बच्चे बूढ़े, महिला पुरुष सभी वर्गों से उनकी मुलाकात और बातचीत होती है. इस प्रकार उन्हें देश और समाज से जुड़े सभी पहलुओं की जमीन से जुडी हक़ीक़तों का ज्ञान हो जाता है. उन्हें समाज में होनेवाली घटनाओं और चलने वाली गतिविधियों का भी पता होता है. समाज में कौन सी अच्छाइयां है और क्या बुराइयां पनप रही है ये भी उन्हें मालूम होता है.  केवल धार्मिक ही नहीं अपितु व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, अदि सभी पहलुओं पर उनकी मजबूत पकड़ होती है और वे उनकी जड़ों पर प्रहार करने की क्षमता भी रखते हैं.

जैन साधुओं का विहार 

विहार और तपस्या के बीच निरंतर स्वाध्याय से उनका ज्ञान भी बढ़ता रहता है और अनेकों साधु साध्वी चलती फिरती लाइब्रेरी बन जाते हैं. आगम और शास्त्रों का ज्ञान निजी अनुभव से मिलकर और भी तीक्ष्ण और उपयोगी बन जाता है. उनके त्याग तप के कारण सभी समाजों में उनका आदर होता है. जैन समाज ही नहीं अपितु सर्व समाज के लिए उनका योगदान प्रशंसनीय है.

जैन साध्वियों का विहार

भगवान महावीर एवं परवर्ती आचार्यों का राजसत्ता पर प्रभाव

महाविरोत्तर युग में प्रभावक आचार्यों ने सदा ही राजसत्ता को प्रभावित किया है और उन् पर धर्म का अंकुश बना कर रखा है. उनके ज्ञान और चारित्रवल के आगे सम्राट हमेशा नतमस्तक रहा है. जनमानस पर भी उनका व्यापक प्रभाव रहा है और इस कारण कोई राजा या सम्राट उनकी अवहेलना करने का साहस नहीं कर पाता था.

सम्राट श्रेणिक पर भगवान् महावीर का गहरा प्रभाव था और उसके बाद के युगों में मगध सम्राट चन्द्रगुप्त ने १४ पूर्वाधर अंतिम श्रुतकेवली भद्रवाहु स्वामी से दीक्षा ली थी.


श्रुतकेवली भद्रबाहु स्वामी की गुफा 



महाविरोत्तर युग के प्रभावक आचार्य

महापद्मनंद के महामंत्री के पुत्र स्थुलीभद्र आर्य सम्भूति विजय के पास दीक्षित हुए थे. आर्य सुहस्ती एवं आर्य महगिरि के प्रभाव में था सम्राट सम्प्रति का जीवन जिन्होंने जिन धर्म की महती प्रभावना की थी. कालिकाचार्य ने अत्याचारी गर्दभिल्ल राजा के खिलाफ सेना संगृहीत कर उसका अंत किया था और सिद्धसेन दिवाकर ने अठारह देशों के अधिपति उज्जयनी के सम्राट विक्रमादित्य को प्रतिबोध किया था. उड़ीसा में महाराजा खारवेल जैन धर्म के अनुयायी थे और उन्होंने खंडगिरि और उदयगिरि की प्रसिद्द गुफाओं का निर्माण करवाया था.

कल्पसूत्र में स्थुलभद्र का प्राचीन चित्र
  

दक्षिण के कर्णाटक प्रान्त में महाराजा चामुण्डराय को कौन नहीं जनता जिन्होंने गोम्मटेश्वर बाहुवली की प्रतिमा का निर्माण करवाया. गुजरात के निर्माण एवं एकीकरण में कलिकाल सर्वज्ञ हेमचंद्राचार्य की भूमिका की तुलना भारत के एकीकरण में चाणक्य की भूमिका से की जाती है. गुजरात नरेश सिद्धराज जय सिंह  पर उनका प्रभाव सर्वविदित है और पाटन नरेश कुमारपाल तो उनके साक्षात् शिष्य ही थे. यह महाराजा कुमारपाल का ही प्रभाव है की आज भी गुजरात देश के सबसे अहिंसक राज्यों में गिना जाता है.

कलिकाल सर्वज्ञ हेमचंद्राचार्य

मध्य एवं मुग़ल काल के प्रभावशाली जैन आचार्य

पाटन नरेश दुर्लभराज ने जिनेश्वर सूरी को "खरतर" की उपाधि से सन्मानित किया था. उनकी परंपरा में अभयदेव सूरी, वल्लभ सूरी, प्रथम दादा श्री जिनदत्त सूरी आदि ने मारवाड़ के अनेक राजाओं को प्रतिबोध कर जैन धर्म अंगीकार करवाया. उन्होंने सिसोदिया, सोलंकी, चौहान, भाटी, पमार, राठोड आदि अनेक वंशों के राजाओं को जैन धर्मानुयायी बनाया. दिल्लीश्वर मदनपाल ने जिनदत्त सूरी के शिष्य द्वितीय दादा मणिधारी जिनचन्द्र सूरी की आज्ञा शिरोधार्य की थी और मदनपाल के निमंत्रण पर ही वे योगिनीपुर (दिल्ली का तत्कालीन नाम) भी पधारे थे.

बादशाह मोहम्मद बिन तुग़लक़ जिनप्रभ सूरी को अपना गुरु मानता था. मुग़ल सम्राट अकबर पर जगतगुरु हीरविजय सूरी एवं चौथे दादा श्री जिनचन्द्र सूरी का प्रत्यक्ष प्रभाव था. इन आचार्यों से प्रभावित हो कर उसने अपने पुरे राज्य में साल में छह महीने अकता (जीवहत्या निषेध) की घोषणा की थी एवं सम्मेतशिखर का पहाड़ (पारसनाथ) यावत्चन्द्र्दिवाकरौ श्वेताम्बर जैनों के नाम कर दिया था. मुग़ल बादशाह जहांगीर जिनचन्द्र सूरी को बड़े गुरु के नाम से सम्वोधित करता था और उसने भी अकबर के अकता सम्वन्धी फरमानों को नए सिरे से जारी किया था. यदि मुग़ल बादशाह अकबर जीवहत्या के विरोध में फरमान जारी कर सकता है तो क्या आज की प्रजातान्त्रिक सरकार मांस निर्यात पर प्रतिवंध नहीं लगा सकती?

अकबर को प्रतिबोध करते हुए चतुर्थ दादा श्री जिन चंद्र सूरी

जैन श्रमण: आत्मसाधना एवं लोक कल्याण का समन्वय

इस प्रकार प्राचीनकाल से ले कर मध्ययुग तक जैन आचार्यों / मुनियों ने सम्राटों, राजाओं, मंत्रियों को अपनी आत्मसाधना, ज्ञान और चारित्र वल से प्रभावित किया, अहिंसा का उद्घोष कराया और जयवंत जिनशासन की प्रभावना की. यहाँ प्रश्न उठता है की जैन साधु अत्मसाधक होते हैं तो फिर उन्हें संसारी कार्यों से क्या लेना देना? जैन श्रमण जब आत्म साधना नहीं करते तब क्या करते हैं या उन्हें क्या करना चाहिए? वास्तविकता ये है की कोई भी व्यक्ति लगातार आत्मसाधना नहीं कर सकता और जब आत्मसाधना नहीं करते तब जिनधर्म की आराधना और लोकोपकार के कार्य करते हैं. सम्राटों का आचार्यों के चरणों में झुकना उनके अहंकार के लिए नहीं अपितु लोक कल्याण के लिए होता है. आचार्यों का प्रभाव राजाओं और सम्राटों को सुशासन और लोककल्याण के लिए प्रेरित करता है, उन्हें कुमार्ग से हटाकर सन्मार्ग पर स्थापित करता है.

 वर्त्तमान के सभी जैनाचार्यों, मुनियों से मेरा निवेदन है की इस दिशा में विचार करें और संगठित हो कर अपने संयम और तपोवल से देश, समाज और राजनीती को नई दिशा दें. समाज के श्रेष्ठि वर्ग भी यदि अपने नाम के पीछे न भाग कर ऐसे कार्यों में श्रमण समुदाय का सहयोग करे तो इस उत्तम कार्य को गति मिलेगी. हम अपने अपने संप्रदाय, गच्छ, मत-मतान्तर की संकीर्णता भूलकर इस वृहत्तर यज्ञ में अपना योगदान करें. अपने अपने संप्रदाय की मान्यताओं को अपने धर्मस्थानों (मंदिर, उपाश्रय, स्थानक आदि) तक ही सीमित रखें, एक दूसरे की आलोचना न करें और महावीर के मूल सिद्धांतों जैसे अहिंसा, करुणा, अनेकांत अदि को प्रसारित करने में अपना योगदान करें.

प्रमुख जैन उद्योगपति गौतम अडानी 


सशक्त और समृद्धिशाली जैन समाज

जैन समुदाय एक सशक्त और समृद्धिशाली समाज है. इस समाज की साक्षरता दर देश में सबसे अधिक है और देश की समृद्धि में सर्वाधिक योगदान है. धार्मिक एवं सेवाकार्यों में दान देने की प्रवृत्ति भी है. जैन समाज प्रतिवर्ष खरबों रूपये धार्मिक आयोजनों में खर्च भी करता है परन्तु अफ़सोस की बात है की देश के सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक क्षितिज में जैनो का प्रभाव नगण्य ही है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सीख

मैं पुनः अपनी मूल बात पर आता हूँ की हमे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सीखना चाहिए की किस तरह उन्होंने कम पैसे खर्च कर भी देश की सांस्कृतिक उन्नति में अपना योगदान किया और अंततः राजनैतिक वर्चस्व भी प्राप्त किया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश को दो दो यशस्वी प्रधानमंत्री भी दिए. हम भी एक वर्ष के लिए अपना एजेंडा तय कर लें और अपने सभी संसाधनों को उस दिशा में मोड़ दें. अहिंसा हमारा मुख्य धर्म है और पशुओं के क़त्ल को रोकने की दिशा में हमारा यह प्रयत्न हो तो कितना अच्छा होगा. कम से कम देश में नए कत्लखाने न खुलें, जो खुले हुए हैं वो बंद हो और अग्रणी मांस निर्यातक होने का जो कलंक इस महान भारत देश पर है वो मिट जाये.

इस काम के लिए जैन साधु साध्वियों और श्रावक श्राविकाओं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सीख ले कर उनके जैसे काम करना चाहिए या नहीं इस बात पर अवश्य विचार करें.


Thanks, 
Jyoti Kothari (Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is an adviser, to Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also an ISO 9000 professional)

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Wednesday, May 16, 2018

What are winter sports and winter Olympics?

Winter sports

Winter sports are normally played during the winter season. Formally, these sports are played on snow and ice. Some of the winter sports are played around the year such as Basketball. These are informal winter sports. Winter sports are quite different from the normal sports. These are normally the games take place in the snowy area. The places may be on the hilltops are artificially created one.
The main winter sports are Ice hockey, Figure skating, Snow-blading, Mono skiing, Skoal, Tobogganing, and Snowmobiling. Other common winter sports include Alpine and Nordic Skiing, Snowboarding, Sledding events such as Luge, Skeleton, and bobsleigh.

Winter Sports included in Winter Olympics

Some of the winter sports are included in Winter Olympics and some are not. There are also some games which are included in some Olympics and not in other Winter Olympics.
There are several sports included in Winter Olympics Turin 2006 in individual and team categories. These are as follow:
Individual categories:
Ice skating:
Figure skating, Short-track Speedskating and Speed skating were included in Ice skating category.
Skiing
Alpine skiing, Biathlon, Cross-country skiing, Freestyle skiing, New school skiing, Nordic combined and Ski jumping were included in Turin Olympics as Skiing events.
Sledding:

Bobsled, Luge, and Skeleton were played as Sledding.
Snowboarding:
Alpine snowboarding, Boardercross, Freestyle snowboarding, and Slalom were the winter sports included Snowboarding games in the winter Olympics.
Team sports:
Curling and Ice hockey.

Snowbike in Colorado
By Bernd Brenter [CC BY-SA 3.0 (https://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0)], from Wikimedia Commons

Winter Sports, Not included in Winter Olympics
There are some winter sports not included in the Winter Olympics. These are as follow:
Ice skating
Synchronized skating
Skiing
Ski archery, Ski-boarding, Skibob, Ski-joring, Snowshoe, Speed skiing and Telemark skiing were not included in Turin Olympics.
Sledding:
Air-board, Dogsled racing, Ice Blocking and Wok racing were also not found their places in the Winter Olympics Turin 2006.
Snowmobiling:
freestyle, snow-cross. Recreation, cross country and hill climbing in snowmobiling category were not included in Winter Olympics Turin 2006.
Team sports
Some of the team sports are played and enjoyed but not included in the Winter Olympics such as Bandy, Broomball, Ringlet, and Ice stock sport. Snowball fight is also a popular winter sport. Snowman building is popular among children and who build the highest one become the winner. Though Sledge hockey was not included in Winter Olympics it was included in Winter Paralympic Sport.
Recreational sports
People especially children enjoy some of the winter sports on a casual basis. Building snowmen, Ice boating or sailing, Ice swimming, Shiny, Snowball fight, and Tobogganing are some of them.

Thanks,
Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries-Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is the adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional

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Friday, May 11, 2018

T 20 Cricket IPL 2019: Videos, Schedule, Points, Records, Batting, Bowling, Catches


Update- Final Match 2019


The final match played on May 12 between Mumbai Indians (MI) and Chennai Super Kings (CSK). Mumbai Indians, in the captainship of Rohit Sharma, beat Chennai Super Kings by just 1 run. Run out of MS Dhoni, skipper, CSK was the turning point of the match, that lead to MI being the champion of IPL 2019. Of course, CSK is the runners up. 


Update IPL 2019


Updating this on May 8, 2019, while league matches have come to an end and IPl fans, lovers of T20 cricket are waiting for the winners, runners up. The final match of IPL 2019 will be played on May 12, 2019.

IPL 2019 schedule and points 

IPL 2019 has started on March 23 and will go till May 12 creating a high level of madness among the cricket fans in India and overseas. Mumbai Indians, Chennai Super Kings, and Delhi Capitals are top in the point table. All these three teams have scored 18 points in 14 IPL 2019 T20 matches. However, Mumbai Indians have the best net run rate of 0.421 followed by Chennai Super Kings 0.131 and Delhi Capitals 0.44. 

Sunrisers Hyderabad, Kolkata Knight Riders, and Kings XI Punjab followed the point table of IPL 2019 with 12 points in 14 matches. Rajasthan Royals and Royal Challengers Bangalore have scored the lowest points 11 in IPL 2019. 

Top Batsmen in IPL 2019

David Warner is the top scorer with 692 runs whereas Andre Russell has the best strike rate of 204.81 to date. Again, Andre Rusell has the highest sixes, 52, in his name and Shikhar Dhawan tops the list with 58 fours. Jonny Bairstow hit 114 in a single match, and this is the highest individual score in IPL 2019. 

See videos of massive sixes of Andre Rusell 




IPL 2019 Best bowlers

Kagiso Rabada tops the bowling list with 25 wickets in his bag. Best bowling figure goes is in favor of Alzarri Joseph with 6 wickets giving 12 runs. Anukul Roy, who played only one match and bowled only two overs has the best bowling average. He took one wicket by giving 11 runs only. Anukul Roy also has the best economy of only 5.50 runs per over. Lucky chap!

Deepak Chahar bowled 163 dot balls and this is the highest dot balls bowled in IPL 2019. However, we cannot forget Jofra Archer who is the only bowler with two maiden overs in his side in this IPL 2019. 16 bowlers could manage to score 1 maiden over in their favor. 

Videos: Watch Kagiso Rabada in Bowling action





T20 Cricket IPL: Indian Premier League


IPL is an abbreviation of Indian Premier League. IPL is a domestic tournament of Cricket in India in the T20 format. The T20 format has become the most popular cricket format in the cricket world since its inception.
The popularity of T20 or twenty-twenty format of cricket has surpassed one day international (ODI) and test cricket formats in popularity. IPL has ignited madness among cricket lovers all over the world and especially in India.
BCCI (Board of Cricket Control in India) organizes Indian Premier League (IPL) every year in India. IPL 2018 is the eleventh in the series. This IPL is sponsored by Vivo and called Vivo IPL. IPL T20 has become a major source of revenue for BCCI and Indian Government. Brand value of the Indian Premier League (IPL) is calculated as the sixth highest in all world sports events.
Eight regional teams have been participating in IPL T20 cricket. These are as follow:
1. Mumbai Indians (Mumbai)
2. Kolkata Knight Riders (Kolkata)
3. Delhi DareDevils (Delhi)
4. Chennai Super Kings (Chennai)
5. Sun Risers Hyderabad (Hyderabad)
6. Royal Challengers Bangalore (Bengaluru)
7. Punjab Kings Eleven (Punjab)
8. Rajasthan Royals (Rajasthan)

IPL T20 Chennai Super Kings CSK Vs Kolkata Knight Riders KKR
Chennai SuperKings Vs Kolkata Knightriders IPL T20 tournament

Attribution: By Chandrachoodan Gopalakrishnan [GFDL (http://www.gnu.org/copyleft/fdl.html) or CC-BY 3.0 (https://creativecommons.org/licenses/by/3.0)], from Wikimedia Commons

IPL 2019

Sponsors and match format of IPL T20

Each team is sponsored by a sponsor. Each team can hire players from India and other countries. However, it is mandatory to take 4 players from the region. Large numbers of foreign players are participating in IPL T20 because of the huge amount of money.
Each team plays with each team in league matches. Top four teams play in Semifinals. Winner of both semi-finals then play the final match and winner of the final match becomes champion of the IPL T20. Rajasthan Royals won the first IPL T20 and Deccan Chargers bagged the trophy in 2009.

Various formats of cricket: Test cricket

The classical form of cricket is test cricket. It has been played for five long days, six hours a day. It takes a longer time in comparison to one-day internationals(ODI). One day international matches take just one day. All types of cricket matches are played between two teams having 11 players on each side.
Both the teams play two innings in test cricket format. There is no restriction or limit of time in playing an inning. One of the teams bat first and play their innings till 10 of the batsmen out. The opponent team bats the next in the same way. The first team then comes again to bat their second innings as their first. The opponent team plays again in their second innings. Sum total of both innings of both the teams decides the result.
Many times all four innings cannot be completed even in prescribed five days and match ends with a timing draw. This feature of test cricket makes it unpopular. People do not have patience and time of five days to watch a test match in a modern and busy life.

IPL T20 2018 Video Mumbai Indians Vs Chennai Super Kings

ODI and T20 formats of cricket

One day internationals (ODI) had come in the seventh decade of the twentieth century as a faster format of cricket. Soon it becomes popular in the cricket world. ICC had started organizing world cup for cricket in ODI format. The first world cup was organized in 1975 in England and the West Indies became the world champion of cricket. West Indies won the championship three times and India, Pakistan and Sri Lanka bagged the trophy once. Australia has won the championship four times and they are the present champions.
Both the teams play a limited 50 overs in ODI format of cricket. The team, who scores higher in 50 overs becomes the winner. One day internationals are limited over matches and completed within a day.
T20 is the even faster format of cricket which takes approximately 3 hours to be completed. Each of the teams plays only twenty overs. The team scores higher in twenty overs becomes the winner. T20 or Twenty-twenty format of cricket has started in this century, just a few years back. However, it has become more popular than both test matches and ODIs.
ICC has started world cup for the T20 format of cricket and India was the first Champion in the T20 format. The second one was won by Pakistan and the third T20 world cup will be played this year.

IPL T20 Video 2018  Sun Risers Hyderabad Vs Kings Eleven Punjab

IPL 2014 - Result, orange, and purple cap and the best catch

Kolkata Knight Riders won the IPL T20 cricket final defeating Kings eleven Punjab by 3 wickets in the year 2014. Batting first Kings XI Punjab scored 199 in twenty overs and KKR crossed it scoring 200 in 19.3 overs to be the champion in 2014. The final match was played on Sunday 1st June 2014, at M. Chinnaswamy Stadium, Bengaluru
Robin Uthappa (KKR) won the orange cap (Best batsman) in the tournament scoring highest 660 runs in IPL 2014. He was followed by Dwaine Smith (CSK, 566 runs) and Glen Maxwell (KXIP, 552 runs).
Mohit Sharma (Chennai Super Kings) won the purple cap for the best bowler in IPL T20, in 2014. He bagged 23 wickets in the series. Sunil Narine (KKR) and Bhuvaneshwar Kunar (SRH) followed him for second and third positions with 21 and 20 wickets respectively to their credit.
Glenn Maxwell of KXIP was declared most valuable player with 286 points followed by Dwaine Smith (285.5 points) and Robin Uthappa (288 points). Kieren Pollard took the best catch in the tournament.

(This is an old article written in 2010. Edited and published with few changes).

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