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Saturday, August 28, 2021

जैन धर्म में आलोचना एवं प्रतिक्रमण

जैन धर्म में आलोचना एवं प्रतिक्रमण


 भगवान महावीर के अनुसार जीवन के छह आवश्यक कर्तव्यों में प्रतिक्रमण का महत्वपूर्ण स्थान है. यह समस्त पापों एवं दोषों को क्षय करने वाला है. ६ आवश्यकों में  (सामायिक, चतुर्विंशति स्तव, वंदन, प्रतिक्रमण, कायोत्सर्ग, प्रत्याख्यान)प्रतिक्रमण का चौथा स्थान है. प्रतिक्रमण  शब्द अतिक्रमण का विलोम शब्द है. हम जब जीवन में अपनी आत्मा की, व्रतों की मर्यादा का उल्लंघन करते हैं तो यह अतिक्रमण कहलाता है.  जब हम इस मर्यादा के उल्लंघन को देख कर  स्वीकार करते हैं तो इसे आलोचना कहा जाता है. और जब उन दोषों से, पापों से पीछे हटते हैं तो उसे प्रतिक्रमण कहते हैं. प्रतिक्रमण से पूर्व आलोचना की जाती है.आलोचना एवं प्रतिक्रमण  साधु साध्वी श्रावक श्राविका अर्थात त्यागी एवं गृहस्थ सभी का दैनंदिन कर्त्तव्य है. 


Image: Samvatsari Pratikraman 

आलोचना में अपने पापों को अच्छी तरह से देख कर उसे स्वीकार किया जाता है.  हम प्राय दूसरों की निंदा बहुत ज्यादा करते हैं लेकिन आलोचना अपनी निंदा है. इसे आत्म निंदा भी कहा जाता है. प्रतिक्रमण सूत्रों में आलोचना के लिए अलग से सूत्र भी हैं. 

समय-समय पर आचार्यों एवं जैन मनीषियों ने आलोचना करने के लिए अनेक स्तोत्र स्तवन आदि भी बनाए हैं.  इनमें रत्नाकर सूरी विरचित रत्नाकर पच्चीसी  (संस्कृत) एवं उपाध्याय समय सुंदर जी रचित बेकर जोड़ी विनवूं  स्तवन का महत्वपूर्ण स्थान है. 

 कुछ ही समय में पर्युषण पर्व आने वाला है (३ से १० सितम्बर, २०२१ ), जिसका अंतिम दिन (१० सितम्बर)संवत्सरी पर्व  के रूप में जैन संघों द्वारा मनाया जायेगा. संवत्सरी के दिन हम अपने वर्ष भर के पापों की संवत्सरी प्रतिक्रमण  के माध्यम से आलोचना करते हैं, प्रतिक्रमण करते हैं, और इस प्रकारआत्म शुद्धि करके अपने पापों को नष्ट करते हैं.  इसलिए जैन शासन में संवत्सरी प्रतिक्रमण का बहुत महत्व है.

इसी महत्व को देखते हुए पिछले कुछ समय से रत्नाकर पच्चीसी एवं बेकर जोड़ी विनवूं  स्तवन पर विशेष प्रवचन श्रृंखला का आयोजन किया गया है. यह सभी प्रवचन धर्म एवं अध्यात्म  चैनल पर यूट्यूब में उपलब्ध है. आप रत्नाकर पच्चीसी प्ले लिस्ट  लिंक पर क्लिक करके सभी वीडियो को सुन सकते हैं. 

Thanks, 
Jyoti Kothari (Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional)

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