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Sunday, January 21, 2018

जयपुर के जैन समाज की प्रेरणादायी गतिविधियां

जयपुर के जैन समाज की प्रेरणाष्पद गतिविधियां 

राजस्थान की राजधानी जयपुर जैन समाज का गढ़ है. यहाँ श्वेताम्बर एवं दिगंबर दोनों समाज मिलकर लगभग तीन लाख जैन रहते हैं. जैन समाज मुख्यतः व्यापारिक समुदाय है परन्तु समाज में अनेक नौकरीपेशा लोग भी हैं. जयपुर का जैन समाज न केवल स्वावलम्बी एवं समृद्ध है वल्कि सामाजिक कार्यों में इनका अतुलनीय योगदान है.

मुख्यतः व्यापारिक कामों में रहते हुए भी धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य, सेवा, यहाँ तक की राजनैतिक गतिविधियों में भी जैन समाज की भागीदारी महत्वपूर्ण है. जयपुर का मुख्य व्यापार जवाहरात का है और इस व्यवसाय में पचास प्रतिशत से भी अधिक योगदान अकेले जैन समाज का है. अन्य व्यापारों जैसे जमीन जायदाद, कपडा, पर्यटन, आदि में भी जैन समाज अग्रणी है.

प्रभुपूजन करती हुई महिलाएं 
प्रवचन देती हुई साध्वियां 
जयपुर धार्मिक नगरी है और लगभग ५०० जैन मंदिर, अनेकों उपाश्रय, पौषाल, स्थानक, नसियां आदि यहाँ की धार्मिकता की कहानी के परिचायक हैं. यहाँ चातुर्मास, प्रतिष्ठा, पंच कल्याणक, भक्ति संध्या, पूजन समारोह आदि की झड़ी लगी रहती है.

सामाजिक गतिविधियों में भी जयपुर का जैन समाज अग्रणी है. यहाँ के त्यौहार देखने लायक होते हैं. जयपुर के जैन समाज के विवाहादि समारोहों की चर्चा देश-विदेश में होती है. आये दिन सामाजिक सम्मलेन होते रहते हैं. सामाजिक सभाओं के माध्यम से जैन समुदाय के लोग लगातार एक दूसरे से मिलते जुलते रहते हैं और सामाजिक समरसता बनाये रखते हैं.


अपनी संस्कृति को बनाये रखने की जैन समाज की लगन काबीले तारीफ है. अपनी सांस्कृतिक पहचान बनाये रखने की शिक्षा जैन समाज के बालक बालिकाओं को जनम घुंटी में ही मिल जाती है. वर्ष भर तक होनेवाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लोग अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं. चित्रकारी हो या गीत संगीत, हस्त शिल्प हो या कविता, कला के हर क्षेत्र में जैन समाज के लोगों की रूचि रहती है.

शिक्षा तो ऐसा क्षेत्र है जहाँ जैन समाज के योगदान के बिना जयपुर की कल्पना भी नहीं की जा सकती. जैन समाज बहुत बड़ी संख्या में स्कूल, कॉलेज एवं अन्य शिक्षा संस्थानों का सञ्चालन करता है. इनमे श्री श्वेताम्बर जैन विद्यालय १२५ वर्ष से भी अधिक पुराना है. यह जयपुर का प्रथम गैरसरकारी विद्यालय है. ८० वर्ष से भी अधिक पुराना वीर बालिका विद्यालय महिला शिक्षा के क्षेत्र की सबसे पुराना संस्था है. सुवोध समूह सबसे बड़ा है जिसकी लगभग ३० शाखाएं है. इसीप्रकार अन्य भी कई संस्थाएं उत्कृष्ट शिक्षा की वाहक है. केवल जैन समाज द्वारा संचालित शिक्षा संस्थानों में ही ५० हज़ार से अधिक छात्र/छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. यह संस्थाएं पूर्व प्राथमिक से स्नातकोत्तर तक की शिक्षा प्रदान करती है.

जयपुर फुट के साथ डी आर मेहता 
जयपुर के जैन समाज ने अनेकों अस्पताल, क्लिनिक आदि का निर्माण करवा कर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा  के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान  दिया है. यहाँ का भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (जयपुर फुट) अपने क्षेत्र की विश्व की सबसे बड़ी संस्था है जहाँ प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में दिव्यांगों को सहायता पहुंचाई जाती है.  भगवन महावीर कैंसर अस्पताल कैंसर चिकित्सा का राजस्थान का सबसे बड़ा केंद्र है और देश की ख्यातनाम चिकित्सा संस्था है. संतोकबा दुर्लभजी एवं अमर जैन अस्पताल की भी अपनी प्रतिष्ठा है. इसके अतिरिक्त भी अनेकों अस्पताल, क्लिनिक निदान केंद्र आदि जैन समाज द्वारा संचालित है. महावीर इंटरनेशनल निःशुल्क दवा वितरण, नेत्र चिकित्सा शिविर आदि के माध्यम से अपनी सेवाएं प्रदान करती है. जयपुर का आई बैंक भी जैन समाज की देन है.

सेवा के क्षेत्र में भी जैन समाज पीछे नहीं है. सैंकड़ों स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से यह कार्य निरंतर गतिमान रहता है. बढ़, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं का समय हो या गरीबों को भोजन देना, पशु-पक्षी की सेवा करनी हो या भूखों को भोजन जैन समाज इन सभी कामों में सदा अग्रणी रहता है.


Thanks,
Jyoti Kothari (Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional)



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