आज खोह मंदिर में वार्षिकोत्सव संपन्न हुआ. इस उपलक्ष्य में वहां प्रातः सत्रह भेदी पूजा पढाई गई. यह प्राचीन पूजा विविध राग रागिनिओं पर आधारित है. श्री मानक चंद गोलेछा एवं श्रीमती मनीषा राक्यान ने सुन्दर तरीके से यह पूजा पढ़ाई. परम पूज्या साध्वी श्री मणिप्रभा श्री जी की सुशिष्याओं का सान्निध्य भी इस कार्यक्रम में प्राप्त हुआ. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया.
संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री मानक चंद गोलेछा, उपाध्यक्ष श्री राजेंद्र कुमार छाजेड, कोषाध्यक्ष श्री मोहन लाल डागा, सांस्कृतिक मंत्री श्री राजेंद्र भंसाली आदि संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी गण इस अवसर पर वहां मौजूद थे.
इस अवसर पर मंदिर के शिखर के ऊपर ध्वजा भी चढ़ाई गई. ध्वजा चढाने की बोली श्री गौतम बोथरा ने ली.
सम्पूर्ण विधि विधान विधिकारक प्रेम चंद श्रीश्रीमाल द्वारा संपन्न कराइ गई.
सत्रह भेदी पूजा के बाद साधर्मी वात्सल्य का आयोजन हुआ.
इसके पूर्व कल दिनांक २ अक्टूबर को इसी मंदिर में अठारह अभिषेक करवाया गया. इसका विधि विधान भी विधिकारक प्रेम चंद श्रीश्रीमाल द्वारा संपन्न कराया गया.
यह संपूर्ण कार्यक्रम श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ द्वारा आयोजित किया गया. खोह मंदिर के व्यवस्थापक श्री अशोक बुरड का कार्यक्रम को सफल बनाने में सराहनीय योगदान रहा.
यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है की श्री सुपार्श्वनाथ स्वामी मंदिर, खोह जयपुर का प्राचीनतम जैन मंदिर है. जिसका अभी जीर्णोद्धार कराया जा रहा है.
मानचित्र, खोह मंदिर
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Sunday, October 3, 2010
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