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Sunday, March 29, 2009

रीति रिवाज़: खीर चटाई व मुंडन

बच्चा अन्न खाने लायक होता था तब शुभ मुहूर्त में चांदी के कटोरे चम्मच से खीर चटाई करवाते थे। चांदी शुभ माना जाता है और स्वास्थ्यप्रद भी है। उससे पहले कोई अन्न बच्चे को नही देते थे। खीर चटाई के उपलक्ष्य में कार्यक्रम होता था। खीर चटाई भुआ करवाती थी।

मुंडन: तीसरे या पांचवें साल में बच्चे का मुंडन होता था। उस समय बाजे के साथ बच्चे को लेकर कुलदेवता, भैरव जी, माता जी आदि (जिनके घर का जो रिवाज़ हो) के यहाँ ले जा कर मुंडन करवाते थे वहां तेल सिन्दूर आदि चढाया जाता था। बच्चे को मन्दिर दर्शन करवा कर गुरु जी के पास बासक्षेप डलवाते थे और बच्चे को अक्षर ज्ञान करवाते थे। उस समय यती जी को ही गुरु जी कहा जाता था। यतीजी स्लेट में पेंसिल से ॐ नमो सिद्धं लिखवाते थे। मुंडन का विशेष महत्वा था और उस समय ख़ास उत्सव होता था।


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कुछ रीति रिवाज़: जापा और जनम

शहरवाली में जनम से ले कर मृत्यु तक अनेकों रीति रिवाज़ प्रचलित थे। वहां लगभग हर घर में जापा घर होता था एवं बच्चे का जन्म वहीँ होता था। दाई जापा करवाती थी। वोही जच्चा बच्चा को कड़वे (सरसों) तेल से मालिश करती थी। वहाँ कड़वे तेल का दीपक २४ घंटे जलता रहता था। उस दीपक से काजल बना कर जच्चे बच्चे को लगाया जाता था। दरवाजा और खिड़की बंद रहता था। एक महीने तक उस कमरे में कोई भी मर्द नहीं जाता था एवं जच्चा बच्चा बाहर नहीं निकलता था। कोई भी ठंडा चीज यहाँ तक की कच्चा पानी भी नही पीने देते थे।
कभी दाई से जापा नही करवाने पर अस्पताल में भी जापा होता था तब पालकी में बैठा कर अस्पताल ले जाते थे और अस्पताल से वापस आ कर फिर उन्हें जापा घर में ही रखा जाता था।

जापे का खाना अलग बनता था जिसमे सौंठ, अजवायन, गोन्द, मखाने, बादाम और घी का बहुत प्रयोग होता था। जच्चे को अछ्वानी और बच्चे को जनम घुंटी दिया जाता था। साँची पान में छुहारा और अजवायन डाल कर जच्चे को खिलाया जाता था। बिमारी होने पर कबिराजी (वैद्यकी) दवाएं दी जाती थी। कम से कम ६ महीने तक बच्चे को माँ का दूध ही पिलाया जाता था।

बच्चा एक महीने का होने पर मन्दिर में स्नात्र पूजा करवाया जाता था। माँ व बच्चे को सब से पहले मन्दिर ले जा कर दर्शन करवाया जाता था। एक महीने बाद स्नान कर के जब बच्चा बाहर आता था तब माँ को लाल साड़ी व ओधनी पहना कर नेक चार किया जाता था। नेक चार में नाइन व पड्यानी की बहुत भूमिका होती थी। लड़के का एक महिना और लड़की होने पर सवा महीने का सूतक रखा जाता था।

पंडित जी से कुंडली बनवाई जाती थी और कुंडली के अनुसार नाम रखा जाता था। देव नारायण शर्मा वहां के प्रसिद्ध पंडित थे,जो ज्योतिष के अच्छे जानकर थेउस समय पंडित जी के खाते में अजीमगंज-जियागंज आसपास के जैन, पांडे नाइ के यहाँ होने वाले प्रत्येक व्यक्ति के जन्म का व्यौरा रखा जाता था। यह एक प्रकार से जन्म की रजिस्ट्री होती थी जिसे कोर्ट में भी मान्यता प्राप्त थी। आवश्यकता होने पर इस खाते को कोर्ट में पेश किया जाता था। मैंने ये खाते देखे हैं जिनमें लगभग संवत १८४० से २००० अर्थात इस्वी सन १७८५ से ले कर १९५५ तक के सभी जन्म का संक्षिप्त व्यौरा दर्ज है। इसमें पिता का नाम, जन्म का समय, तारीख, संवत, नक्षत्र व संतानोत्पत्ति का क्रम दर्ज है।

छूना (M.C) होने पर भी जनाना लोग जापा घर में रहती थी। वहां पर इस चीज का बहुत विचार था।

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Saturday, March 28, 2009

Condolence meeting: Girdharilal Bhargava: Photos

Condolence meeting of our beloved convener and six times consecutive MP late Shree Girdharilal Bhargava on 15th day of March 2009 at Gulabi Nagar Vichar Manch, Jaipur.

Death Anniversary: Girdharilal Bhargava












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Wednesday, March 25, 2009

Requirements in Gemstones

Please contact us at Vardhaman Gems if you have these stones for sale.

1. Burmese Spinal cut fine quality size 5 to 6 carats
2. Cat's eye fine quality size 5 to 6 carats
3. Australian Opal (Wales)size 5 to 6 carats
4. Flat Diamonds size 6 to 10 carats

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Loksabha Election 2009: Jaipur

Jaipur is the Pink city of India and renowned for its Gems and Jewelry business.

Girdharilal Bhargava, six times consecutive MP and BJP candidate for Jaipur has breathed his last on March 08, 2009. BJP has not yet decieded for any candidate.

">Video Girdharilal Bhargava procession

Manoj Bhargava, son of late Girdharilal Bhargava is likely to be nominated as BJP candidate for Jaipur Loksabha seat.

Mahesh Joshi, probably will fight against him as INC candidate.

Courtsey: Vardhaman Gems
centuries old tradition of excellence in Gems and Jewelry

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Chaturmas Shashiprabha Shreeji

Chaturmas of sadhvi Shashiprabha Shreeji is decided for Azimganj. Shashiprabha shreeji is learned desciple of late Pravartini shree Sajjan shreeji maharaj.
This is likely to be announced in Dadaguru Mahapujan at Dadabari, 29, Badridas Temple Street, Kolkata 700004, organized by Azimganj Shree sangh on April 1, 2009, as reported by Suraj Nowlakha.

Dadaguru Mahapujan will be followed by sadharmi vatsalya.

Jyoti Kothari

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Saturday, March 21, 2009

Jadau Kundan Meena: Artistic Jewellery of Mogul pattern Photo gallery

Latest in Fashion-Kundan Meena Jadau jewelry


What is the latest trend in Jewelry? Which type of Jewelry is being loved now? What are trendy? What is in fashion? What is the craziest shopping in Jewelry especially gold jewelry today?

These are Kundan Meena Jadau, the artistic Jewelry of Mogul pattern. These are Handcrafted, Artistic, Classic and Royal gold Jewelry from Jaipur, India. Hyderabad, Bikaner, Varanasi, and Sardarshahar also produce Kundan Meena Jadau Jewelry besides Jaipur. Kolkata is a place for English and French enamel.
These are the perfect blending of antique and modern. Fashionable, yet investor-friendly. Investing in this Jewelry (Jewelry, Jewellery) is found fruitful and growing. It is seen that the investors invested in Kundan Meena Jadau jewelry got a good return on their investments. Hence, you can opt for buying such types of jewelry that will serve both the purposes, wearing jewelry and return on investment.
View photos of Necklaces, Bracelets, Bangles, and Pendants of Kundan Meena Jadau Jewelry from Vardhaman Gems.

Kundan Meena Jadau Pendants Photos
















Bangles, Bracelets, and Pendants.


You have viewed Necklaces of different pattern and now turn to Bangles, Bracelets, and Pendants. Some of them are beaded.
These beautiful ornaments are made of Gold, Diamonds, and Color stones. Jaipur is the main manufacturing center of these ornaments followed by Bikaner, Hyderabad, Kolkata, and Varanasi.
Gold is the base metal for these fashionable and artistic Jewelry items. These are studded with diamonds and other gemstones, color stones. These are trendy and unique shopping items for those who love to invest in Jewelry.

Kundan Meena Jadau Bracelets and Bangles Photos






Kundan Meena Jadau Jewelry


Kundan Meena Jadau Jewelry is fashionable and trendy. These are artistic. These are very good investment tool also. Gold is the safe haven for investors at all times and this Jewelry contains a huge quantity of gold within.
Similarly, many of these ornaments have diamonds, another preferred choice of investors. These have artistic value too and investors love investing in arts. If you are an investor, you can think of investing in this form of gold Jewelry.
These are also consumable items. One can wear those and enjoy.
Please feel free to comment on this hub.
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(This article is published on March 21, 2009.)

Kundan Meena Jadau: Vardhaman Gems


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Thursday, March 19, 2009

Come join me on Business Club

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I have created a social networking site for buisness people to be connected with each other.
Please Join the Club and grow your business with it absolutely free.
Regards,
Jyoti Kothari
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Friday, March 13, 2009

जौहरियों के योग्य नीति




रत्न
पारखी, चलत जे , सोलह वचन प्रमाण
मान धर्म परतीत वश, रहे सर्व सुख जान॥

गुरु पद पद्मा सदा उर धरे, जाय जहाँ सब कारज सरे
सत्य रत्न कह बेचे झूँठा, देत कष्ट तेहि ग्रह सब रूठा
खोट मिला कर बेचे सच्चा, दगाबाज़ वो जौहरी कच्चा
बड निकाल बदले घट डारी, अंग दुःखी वा सुत धन हारी

सत्य खरीद नफे नहिं कहे, सो पापी वृथा जौहरी रहे
मांगनी फरक झूठ कह साई, दगा दोष परतीत घटाई
साईं दे लेकर फ़िर जाई, बात तजे बड़ दोष हँसाई
बिका रत्न कम तोल तोली, न्याई बन लैं पाप मोली

लेहि भेद पर कर चतुराई, समझ वक्त निज काज बनाई
अति प्रिय मित्र देही नदिं भेदा, काज हानि मूरख बन खेदा
सभा काहु की सच मणि खोटी, कह निज करे बात नहिं छोटी
सभा बीच बड़ बोल बोले, निज हित काज प्रतिष्ठा डोले

वचन बनाय सत्य अस कहे, गाहक सभा नृपति खुश रहे
नहिं कर दगा घात विश्वासा , प्रथम लाभ अंतहि सब नासा
तज बदनीत कुकर्म अभिमाना, सब सुख काज सिध्द जग माना
निज मत धर्म नहिं तजे, सुख सब अंत मोक्ष हरि भजे
रत्न प्रकाश, श्री राजरूप टांक से सादर उद्धृत













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जौहरियों के योग्य niti
Moral lessons for the Jewelers
रत्न पारखी, चलत जे , सोलह वचन प्रमाण ।
मान धर्म परतीत वश, रहे सर्व सुख जान॥
Gem identifier, the Jeweler, who follows these sixteen vows religiously enjoys all happiness and honor.

गुरु पद पद्मा सदा उर धरे, जाय जहाँ सब कारज सरे ॥
सत्य रत्न कह बेचे झूँठा, देत कष्ट तेहि ग्रह सब रूठा ॥
खोट मिला कर बेचे सच्चा, दगाबाज़ वो जौहरी कच्चा ॥
बड निकाल बदले घट डारी, अंग दुःखी वा सुत धन हारी ॥
The Jeweler always keeps lotus feet of his guru in the heart
that accomplish all of his works at every place. He, who sells fake gems as real, all planets (as per astrology) goes against him and gives him pain. He, who mixes imitation with real is not a Jeweler but a deceptor. He, who changes bunches of Basra pearls to manipulate weight in Chav becomes unhappy, deceased and looses his kids and wealth.

सत्य खरीद नफे नहिं कहे, सो पापी वृथा जौहरी रहे ॥
मांगनी फरक झूठ कह साई, दगा दोष परतीत घटाई ॥
साईं दे लेकर फ़िर जाई, बात तजे बड़ दोष हँसाई ॥
बिका रत्न कम तोल न तोली, न्याई बन लैं पाप न मोली ॥

It is useless for a sinful person to be a jeweler who does not speak truth about cost and profit. Who lies offer is also a deceptive and looses his goodwill. Who changes after giving or taking deposit for a deal he looses his words and people laughs on him. One should not weigh less in sold gemstones. One should be judicious and not be sinful.




लेहि भेद पर कर चतुराई, समझ वक्त निज काज बनाई ॥
अति प्रिय मित्र देही नदिं भेदा, काज हानि मूरख बन खेदा ॥
सभा काहु की सच मणि खोटी, कह निज करे बात नहिं छोटी ॥
सभा बीच बड़ बोल न बोले, निज हित काज प्रतिष्ठा डोले ॥

One should be diplomatic and clever to get others' secrets. One should understand the time and situation in get one's work done. One should not reveal secrets even to a bosom friend because it will lead to failure and one has to be a looser. One will regret for his foolishness.
One should not tell a real gemstone imitation in elite group (sabha? group/ meeting, court?), this will lead to dishonor. One should not speak much or boast himself in an elite group. One will loose his goal, interests and reputation.

वचन बनाय सत्य अस कहे, गाहक सभा नृपति खुश रहे ॥
नहिं कर दगा घात विश्वासा , प्रथम लाभ अंतहि सब नासा ॥
तज बदनीत कुकर्म अभिमाना, सब सुख काज सिध्द जग माना ॥
निज मत धर्म नहिं तजे, सुख सब अंत मोक्ष हरि भजे ॥
One should be very diplomatic in speaking. It should be truth but pleasant to customer, court and king. One should not deceive and betray, it may profit him initially but everything will be lost at the end. One should leave all bad intentions, evils and ego to achieve ones goal and happiness. It will pays one honor in the world. One should not leave ones own belief, religion, spirituality and work. One should worship God, will get all earthly pleasures and liberation at the end.













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Thursday, March 12, 2009

Sobhagmal Gokulchand Pungalia


One of the oldest Jewelry firm in Jaipur. Specialized in extra fine quality Emeralds. Late Mr. Rikhabchand Pungalia of Sobhagmal Gokulchand has been recently featured in the legends of Jaipur by the Times of India.

Know more about emerald city Jaipur


Family built Pungalia Jain temple is worth visit.
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Mr. Shikharchand Pungalia, younger brother of Mr. Rikhabchand Pungalia is the proprietor.

Address: M.S.B. Ka Rasta,

Second cross, Johri Bazar,

Jaipur-302003

Important for investors

Vardhaman Gems



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Wednesday, March 11, 2009

Gems and Jewelry in Shaharwali society


It is believed that Jagat Seth had best quality emeralds in their possession. There is a dialect about how did he acquire emeralds. It is told that merchant envoy of Jagat Seth was in a voyage and sold all his merchandise. While returning the captain felt that the ship is too light and could not face a storm. They put boulders of stones in the ship to make it heavy.

When back to the home they found those boulders emeralds. It is a known fact among the Jewelers that those are the best emeralds in the world but of Jahangir's cups.

View: Researching the Emerald city

Bahadur Singh Singhi of Singhi family was fond of diamonds. He had a great collection of flat diamonds i.e. Parva, Polki and English Polki. He was the main person behind the famous diamond-studded "Angi" of shree Dharmanath Swami, Tulapatti Jain temple, Kolkata. It is believed that all flat diamonds studded in that Angi are flawless.

The Dugar family also loved Gems and Jewelry a lot. There was a great collection of Kundan Meena Jadau Jewelry and solitaires with Maharaj Bahadur Singh Dugar and other members of that family. It is believed that the family was at a time in possession of a bangle pair of Begum of Alauddin Khiljee, Badshah of Delhi.

Raja Bijay Singh Dudhoria, Rai Budh Singh Dudhoria, Nirmal Kumar Singh Nowlakha, Sitab Chand Nahar families also have an excellent collection of Gemstones, Basra Pearls and diamond and Kundan Meena Jadau Jewelry in their collections.

Many other Shaharwali families also had nice collections of Precious Gemstones, diamond, and Kundan Meena Jadau Jewelry. Mursheedabad Meena is supposed to be the best Meena (Enamel) in the world.

Shaharwali society had very good relationship with Johari Sath, the Jewelers community in Kolkata and purchased awesome collections of Gemstones and Jewelry from them.

Presented by:
Jyoti Kothari
Vardhaman Gems
Centuries old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry
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Monday, March 9, 2009

अंत्येष्टि श्री गिरधारी लाल भार्गव


अन्तिम दर्शन श्री गिरधारी लाल भार्गव




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Sunday, March 8, 2009

स्वर्गीय श्री गिरधारीलाल भार्गव

गुलाबी नगर विचार मंच में अन्तिम बार
२२ फरवरी २००९ को पुष्प माला अर्पित करते हुए





स्वर्गीय श्री गिरधारीलाल भार्गव
स्वाभाव से सरल, सादगी पसंद, कर्तव्यनिष्ठ, लोकप्रिय, जनसेवक,गरीबों के हितैषी थे। वे बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे।
उन्होंने रिक्शा, तांगा, ठेला वालों, फल-सब्जी-फूल बेचने वालों, नाइ, धोबी, मोची, मजदूर, किसानों के लिए आजीवन संघर्ष किया।
श्री गिरधारीलाल भार्गव का जन्म नवम्बर १९३७ को जयपुर में हुआ। वे शिक्षक एवं अधिवक्ता रहे व १९५८ में हाई कोर्ट आन्दोलन में सक्रियता से भाग लिया। १९६६ में शराब बंदी आन्दोलन में सक्रियता से भाग लिया। वे सर्व धर्मं एकता मंच, महापुरुष समारोह समिति, मिर्जा ग़ालिब सोसाइटी, मदर्सादार्सुल आदि के संयोजक व संरक्षक रहे।
डाक्टर उजला अरोडा ने २६ जून सन १९८३ को गुलाबी नगर विचार मंच की स्थापना की एवं भार्गव साहब उसके आजीवन संयोजक रहे.

वे जनसंघ, जनता पार्टी भारतीय जनता पार्टी के जयपुर अध्यक्ष रहे। १९७२ में पहली बार जयपुर के हवामहल क्षेत्र से विधायक चुने गए उस समय सभी विरोधियों की जमानत जब्त हुई। १९७९-८० में जयपुर UTI के अध्यक्ष रहे एवं १९८५ में पुनः विधायक चुने गए।

१९८९ में जयपुर के महाराजा एवं कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार कर्नल भवानी सिंह को ८० हज़ार से भी अधिक मतों से हरा कर पहली वार जयपुर से सांसद बने। उसके बाद उन्होंने कभी हार का मुंह नहीं देखा। हर वार कांग्रेस अपना उम्मीदवार बदलती रही और वे लगातार वार लोकसभा चुनाव जीत कर भारत की संसद में पहुंचे।
आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए इस वार भी भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया.

वे सांसद रहते हुए दूरसंचार, रेलवे, एयर पोर्ट, संसदीय अवाश व्यवस्था समिति, हिन्दी भाषा समिति आदि के अध्यक्ष रहे।
श्री गिरधारीलाल भार्गव की मानवता के वारे में क्या कहा जाए? वे जयपुर के प्रत्येक व्यक्ति के ह्रदय में वसे थे। सभी के जनम, मरण, परण में पहुचते थे। यहाँ तक की जयपुर के श्मशान घाटों में पड़ी लावारिश अथवा गरीब लोगों की अस्थियों को स्वयं हरिद्वार ले जा कर गंगा में प्रवाहित किया करते थे।

वे क्रीडा प्रेमी भी थे। फुटवाल, शतरंज आदि प्रतियोगिताएं का आयोजन भी करवाते थे।

राजस्थान पत्रिका के संस्थापक स्वर्गीय कर्पूर चन्द कुलिश द्वारा दिए गए नारे " जिसका कोई पूछे हाल, उसका है गिरधारीलाल" नारे को आजीवन चरितार्थ किया।

आज वो हमारे बीच नहीं रहे। अहमदावाद में संसदीय समिति की बैठक में भाग लेने गए हुए थे वहीँ हृदयाघात हुआ एवं आज सुबह जयपुर वासियों को बेहाल छोड़ कर अपोलो अस्पताल में ब्रह्मलीन हो गए। आज सयम ONGC के हेलीकाप्टर द्वारा उन्हें जयपुर लाया जा रहा है जहाँ उनके पार्थिव शरीर को भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में जनता के दर्शनार्थ रखा जायेगा.

Source: Dr. Ujala Arora
Death Anniversary: Girdharilal Bhargava

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