शहरवाली शब्दों का वाक्य प्रयोग: मुर्शिदाबाद की बोली के कुछ उदाहरण पास में उसके हिंदी अर्थ भी दिए गए हैं.
हम हिंयां से चट्टी पहन के इ पार से ऊ पार नउके में चप के जाङ. : मैं यहाँ से चप्पल पहन कर इस पार से उस पार जाऊंगा.
हूँआँ नमके हम कलाई का कचौड़ी खाङ.: वहां उतर कर मैं उड़द की कचौड़ी खाऊंगा.
नउके में सुतने का भी है.: नाव में सोने की व्यवस्था भी है.
बाईजी ड्योंठा बनाईस है ऊ बँटे में है.: मिश्रानी ने मठरी बनाई है, वो कटोरदान में है.
बीबीजी सपरिआम, कौंला और बोड़ का राड़ी लामङि.: ननद अमरुद, संतरा, और बेर की राईड़ी लायेंगी.
एक ठो खाने का खालो.: एक मिठाई खा लो.
आज कद्दू बूट के दाल का तरकारी बनेगा.: आज घिया चने के दाल की सब्जी बनेगी.
करछुल से निकालोगे की चीमचे से?: करछी से निकालोगे या चम्मच से?
छाते के खिचड़ी में अम्बल पानी का क्या काम है?: कमल गट्टे की खिचड़ी में इमली की चटनी क्या जरुरत है?
Jyoti Kothari (N.B. Jyoti Kothari is proprietor of Vardhaman Gems, Jaipur, representing Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry and adviser, Vardhaman Infotech , I T Company. He is a Non-resident Azimganjite.)
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