नचिकेता गुरुकुल: भारतीय संस्कृति को समर्पित एक संस्थान है जहाँ विद्यार्थियों को सामान्य विद्यालयीन/ महाविद्यालयीन शिक्षा के साथ साथ भारतीय संस्कृति एवं जीवन शैली की शिक्षा दी जाती है. निम्न आय वर्ग के प्रतिभाशाली एवं मेधावी विद्यार्थियों के लिए यह सुविधा समाज के द्वारा उपलब्ध कराइ जाती है. नचिकेता गुरुकुल का एक आवासीय परिसर मानसरोवर, जयपुर में स्थित है. इस परिसर में छात्रों के निःशुल्क आवास एवं भोजन की व्यवस्था की जाती है. छात्राओं के लिए एक अलग परिसर है.
गुरुकुल के छात्र निकटवर्ती विद्यालय/ महाविद्यालयों में पढ़ते हैं. इन विद्यालय/ महाविद्यालयों के शुल्क में भी गुरुकुल द्वारा सहयोग किया जाता है. साथ ही विद्यार्थियों को सरकारी सहायता दिलाने में भी सहयोग किया जाता है जिससे छात्रों का निजी व्यय शून्य अथवा नाममात्र का रह जाता है. कक्षा ११वीं एवं १२वीं एवं महाविद्यालय स्तर के विद्यार्थियों को नचिकेता गुरुकुल में प्रवेश मिलता है.
नचिकेता गुरुकुल छात्रावास का उद्देश्य
नचिकेता गुरुकुल का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति के अनुसार शिक्षा प्रदान कर उन्हें राष्ट्रवादी, कर्तव्यनिष्ठ, संवेदनशील नागरिक बनाना है. गुरुकुल का उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण (शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक) विकास है.
भारतीय समाज में ऐसे अनेक मेधावी, परिश्रमी एवं प्रतिभाशाली छात्र हैं जिन्हे आर्थिक एवं अन्य कारणों से उचित शिक्षा नहीं मिल पति. सुदूर ग्रामीण अंचलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उपलब्धता सीमित है जबकि बड़े शहरों एवं नगरों- महानगरों में यह सुविधा सहज उपलब्ध है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रायः महंगी होने के कारन निम्न एवं माध्यम आयवर्ग के छात्र/ छात्राओं के लिए प्राप्त होना कठिन होता है. इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए इस गुरुकुल की स्थापना की गई जिससे मेधावी एवं होनहार छात्र/छात्राओं को समुचित एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके.
आज की सामान्य शिक्षा प्रायः रोजगार दिलाने में असफल है. इसके लिए आवश्यकता है अतिरिक्त परिश्रम की. पेशेवर शिक्षा प्राप्त करने हेतु अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना पड़ता है. इन बातों को ध्यान में रखते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु उपयुक्त कोचिंग की भी व्यवस्था की गई है.
आज की व्यवस्था में नैतिक शिक्षा का अभाव सा है. भारतीय संस्कृति के प्रति उदासीन एवं पाश्चात्य संस्कृति के रंग में ढली हुई है आज की शिक्षा व्यवस्था. विद्यार्थियों को संवेदनशील, सामाजिक, एवं कर्तव्यनिष्ठ बनाने में आज की व्यवस्था शायद ही सक्षम है. इसलिए पढाई के अतिरिक्त विद्यार्थियों में संस्कार देने का कार्य भी यहाँ किया जाता है.
चयन प्रक्रिया
नचिकेता गुरुकुल में प्रवेश लेने हेतु बालक/बालिकाओं को निर्धारित चयन प्रक्रिया से गुजरना होता है. १० वीं एवं १२ वीं में ७५ प्रतिशत से अधिक अंकों से उत्तीर्ण विद्यार्थी अपने विद्यालय के माध्यम से निर्धारित प्रपत्र भर कर प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं. योग्य विद्यार्थियों को इसके बाद गुरुकुल द्वारा निर्धारित एक लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करना होता है.
लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थियों का चयन समिति द्वारा साक्षात्कार लिया जाता है उसके बाद विद्यार्थी का प्रवेश के लिए चयन होता है. विद्यार्थियों की आर्थिक पृष्ठभूमि का भी ध्यान रखा जाता है. सामान्यतः निम्न आय वर्ग एवं ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों को ही प्रवेश दिया जाता है.
गुरुकुल के नियम
चयनित विद्यार्थियों को प्रवेश के बाद गुरुकुल में रहने हेतु निर्धारित नियमों का पालन करना होता है. उन्हें अनुशासन में रहते हुए अपनी पढाई के साथ अन्य गतिविधियों में सम्मिलित होना होता है. सुबह जल्दी उठना, अनुशासन बनाये रखना, छात्रावास के अधिष्ठाता एवं अन्य अधिकारीयों के आज्ञा का पालन करना आदि आवश्यक कर्तव्य हैं. उद्दंड एवं अनुशासनहीन विद्यार्थियों को गुरुकुल से पृथक कर दिया जाता है.
नचिकेता गुरुकुल की अन्य गतिविधियां
नचिकेता गुरुकुल भारतीय संस्कृति के उत्थान एवं विकास हेतु समर्पित संस्था है. इसकी छात्रावास के अतिरिक्त अन्य भी कई सामाजिक, सांस्कृतिक , शैक्षिक गतिविधियां है. जैसे आध्यात्मिक सत्संग केंद्र, युवा क्रीड़ा केंद्र, कच्ची बस्तियों में पाठशाला, जन संवाद केंद्र आदि. इसके अतिरिक्त छात्रों को छात्रवृत्ति देने की व्यवस्था भी है.
आध्यात्मिक सत्संग केंद्र
राजस्थान के विभिन्न स्थानों में लगभग ५०० नचिकेता आध्यात्मिक सत्संग केंद्र चल रहे हैं. इनमे स्थानीय महिलाएं सत्संग करती हैं, भजन कीर्तन करतीं हैं. नचिकेता गुरुकुल द्वारा उन्हें सत्संग की सामग्री निःशुल्क उपलब्ध कराइ जाती है. समय समय पर इन आध्यात्मिक केंद्रों का सम्मलेन आयोजित किया जाता है. मुख्यतः शहरी क्षेत्रों में आध्यात्मिक सत्संग केंद्र संचालित हैं. जैन मित्र श्री शैलेन्द्र जी घीया के प्रमुख आर्थिक सहयोग से इन केंद्रों की स्थापना की गई.
युवा क्रीड़ा केंद्र
महिला आध्यात्मिक सत्संग केंद्र की तरह युवाओं के लिए पुरे राजस्थान में लगभग ७०० युवा क्रीड़ा केंद्र संचालित है. युवाओं में शारीरिक, मानसिक दृढ़ता बढ़ने, उन्हें नशे आदि की प्रवृत्ति से दूर रखने आदि उद्देश्यों के लिए इन क्रीड़ा केंद्रों का सञ्चालन किया जाता है. यहाँ पर युवा वर्ग वॉलीबॉल खेलने का अभ्यास करते हैं. इन केंद्रों में भी खेल की सामग्री नचिकेता गुरुकुल द्वारा उपलब्ध कराइ गई है. जैन मित्र श्री शैलेन्द्र जी घीया के प्रमुख आर्थिक सहयोग से इन केंद्रों की भी स्थापना की गई.
महिला छात्रवृत्ति योजना
राजस्थान की विद्यालय/महाविद्यालय स्तर की मेधावी परन्तु निम्न आय वर्ग की छात्राओं को अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति दी जाती है. ये छात्राएं गुरुकुल में अध्ययनरत छात्राओं के अतिरिक्त हैं. इस वर्ष ७० मेधावी छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की गई. श्री विश्वास जी जैन के आर्थिक सहयोग से यह छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है.
जन संवाद केंद्र
भारत की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने हेतु जनमानस को समझना एवं उनसे संवाद बनाये रखना आवश्यक है. पारम्परिक रूप से यह काम परष्पर मेलजोल, चौपाल, सभा, आदि माध्यमों से होता आया है. वर्तमान युग में सोशल मीडिया इस कार्य में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. ऑडियो, वीडियो, पॉडकास्ट आदि के माध्यम से जनसम्पर्क बनाये रखा जा रहा है. गुरुकुल की विभिन्न गतिविधियों के प्रसारण हेतु एक यूट्यूब चैनल है जिसका लिंक
इस कार्यक्रम को विस्तार देने एवं इसे आधुनिक बनाने हेतु गुरुकुल परिसर में एक अत्याधुनिक स्टूडियो एवं पॉडकास्ट सेंटर भी बनाया गया है. शीघ्र ही एक नया पॉडकास्ट चैनल भी प्रारम्भ किया जायेगा.
स्थापना दिवस
भारतीय संस्कृति में स्वामी विवेकानद को एक आदर्श व्यक्तित्व माना गया है. अनेक युवा उनके आदर्श से प्रेरित होकर स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े थे. आज भी उनकी वाणी एवं लेखन युवाओं में जोश भरती है और उन्हें कर्तव्यपथ पर अडिग रहने की प्रेरणा देती है.
स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को ध्यान में रखते हुए उनके जन्मदिवस १२ जनवरी को गुरुकुल की स्थापना की गई. प्रतिवर्ष समारोह पूर्वक उसी दिन गुरुकुल का स्थापना दिवस मनाया जाता है.
सञ्चालन (प्रवंधन) समिति
नचिकेता गुरुकुल की एक प्रवंधन समिति है जो इसकी गतिवधियों का सञ्चालन करती है. संस्थापक सदस्यों की पांच सदस्यीय स्थाई समिति है. इसके अतिरिक्त प्रवन्ध समिति का प्रतिवर्ष साधारण सभा के माध्यम से चुनाव होता है. अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष आदि निर्वाचित पदाधिकारियों के माध्यम से गुरुकुल की सभी व्यवस्थाओं का सञ्चालन होता है.
आर्थिक व्यवस्था
नचिकेता गुरुकुल एक धर्मार्थ संस्था है. इसके आय का कोई नियमित स्रोत नहीं है, न ही इसे कोई सरकारी सहायता प्राप्त होती है. यह सामान्यतः अपने लाभार्थिओं से किसी प्रकार का कोई शुल्क आदि भी नहीं लेता है. सारी आर्थिक व्यवस्था दानदाता भामाशाहों के माध्यम से ही होती है. संस्था के स्थाई, आजीवन, एवं साधारण सदस्य प्रतिवर्ष एक निश्चित राशि समर्पित करते हैं. इसके अतिरिक्त समाज के भामाशाहों स दान के रूप में सहयोग प्राप्त किया जाता है जिससे सारी व्यवस्थाएं संचालित होती है.
संस्था के आय-व्यय का पूरा लेखा जोखा रखा जाता है एवं प्रतिवर्ष नियमानुसार अंकेक्षण (Audit) भी होता है. संस्था को दिया हुआ दान आयकर की धारा 80 G के अनुसार करमुक्त है. नचिकेता गुरुकुल CSR के लिए अधिकृत है एवं FCRA के लिए भी पंजीकृत है.
धन्यवाद
ज्योति कुमार कोठारी
कार्यकारी अध्यक्ष,
नचिकेता गुरुकुल, जयपुर
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