Search

Loading
asha auran ki kya kije लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
asha auran ki kya kije लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 11 मई 2010

आनंदघन जी के पद : आशा औरन की क्या कीजे

आशा औरन की क्या कीजे, ज्ञान सुधा रस पीजे (आशा.)

भटके द्वारी द्वारी लोकन के, कुकर आशा धारी,
आतम अनुभव रस के रसिया, उतरे न कबहु खुमारी.

आशा दासी के जे जाये, ते नर जग के दाशा
आशा दासी करे जे नायक, लायक अनुभब पाशा.

मनसा प्याला, प्रेम मसाला, ब्रह्म अग्नि पर जाली,
तन भाटी उबटाई पिए कष, जागे अनुभव लाली.

अगम प्याला पियो मतवाला, चिन्हे अध्यातम वासा,
आनंदघन चेतन वै खेले, देखे लोक तमाशा.  

आनंदघन जी के पद : आशा औरन की क्या कीजे

आनंदघन जी के पद : अब हम अमर भये न मरेंगे

 

ज्योति  कोठारी  

 






Reblog this post [with Zemanta]

allvoices