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Saturday, November 26, 2016

नोटबंदी से जमीन जायदादों की कीमत और कम होगी


सरकार के नोटबंदी के फैसले से जमीन जायदादों की कीमत और कम होगी एवं लोगों की पहुच में आएगी। बेतहाशा भ्रष्टाचार, जमाखोरी एवं कालेधन के प्रभाव से पिछले बीस वर्षों में जमीन जायदादों की कीमते आसमान छू रही थी और यह आम उपभोक्ता के पहुच के बाहर हो गई थी. वर्त्तमान सरकार के प्रयासों के कारण विगत दो वर्षों में भ्रष्टाचार और कालेधन की मात्रा में कमी आई और जमीन जायदादों की कीमते कम होने लगी. नोटबंदी के फैसले से इस की कीमत और कम होगी एवं लोगों की पहुच में आएगी। 



कालेधन को खपाने का सबसे बड़ा जरिया जमीन जायदाद है जिसमे बहोत बड़े पैमाने पर कालेधन का इस्तेमाल होता है. भ्रष्ट राजनेताओं, सरकारी अधिकारियों, तस्करों एवं करचोरी करने वाले अक्सर अपना कालाधन या तो इमे लगते हैं या फिर सोने में निवेश करते हैं. विगत दो-तीन दशकों में इनकी कीमतों में बड़ा उछाल आया और कीमतें आसमान छूने लगी. 

नोटबंदी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेनामी संपत्ति की जांच के ऐलान के बाद ऐसे लोगों में हड़कंप है और जानकारों के मुताबिक जमीन की कीमतों में ३० से ४० प्रतिशत के गिरावट की सम्भावना है. इतनी कमी होने पर यह आम लोगों की पहुच में आ जायेगा। साथ ही करचोरों की रकम (संपत्ति) में भी ३० से ४० प्रतिशत की कमी हो जायेगी। जरा सोचिये, यदि वो कर चोरी नहीं करते और ईमानदारी से टैक्स चुकाते तो भी इन्हें अधिकतम ३० प्रतिशत ही कर देना पड़ता!! तो फिर कर चोरी करने से क्या फायदा हुआ? ऊपर से कानूनी कार्यवाही का दर भी इन्हें सता रहा है. 

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना का शुभारम्भ भी कर दिया है और जमीन सस्ती होने से सरकार कम मूल्य पर इन्हें गरीबों और जरूरतमंदों को दे सकेगी। माध्यम एवं उच्च मध्यवर्ग के जिन लोगों ने अभी तक अपना फ्लैट या मकान नहीं खरीद है वे अब खरीद सकेंगे। बैंकों में ब्याज दर काम होने की पूरी सम्भावना है और इससे मकान पर लिए गए क़र्ज़ की किस्तें भी कम होगी। है न दोहरा फायदा! 

पिछले दो सालों से रियल एस्टेट में मंदी है जिसके कारण सीमेंट, स्टील आदि उद्योग भी मंदी का सामना कर रहे हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों के निर्माण से ये क्षेत्र भी मंदी से उबर सकेंगे। इस क्षेत्र के उभरने से जहाँ अर्थनीति को फायदा होगा वहीँ विनिर्माण क्षेत्र की तेजी से इस क्षेत्र में रोजगार के व्यापक अवसर भी उपलब्ध होंगे। साथ ही सरकारी खजाने में ज्यादा मात्रा में धन आने से बहुत सी रुकी हुई परियोजनाएं भी फिर से शुरू हो सकेगी एवं नए जनहितकारी कार्य भी प्रारम्भ हो सकेंगे। 

नोटबंदी के तुरंत बाद से ही मैंने इस विषय पर लिखना शुरू किया था और अब तक इस विषय में पांच ब्लॉग लिख चूका हूँ. कृपया इन लेखों को पढ़ें, अपने मित्रों से शेयर करें एवं अपने सुझावों से हमें अवगत कराएं। 

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Jyoti Kothari (Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional)

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