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Sunday, December 4, 2016

नोटबंदी से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार कम होगा


नोटबंदी के दूरगामी प्रभाव से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार कम होगा। हम सभी जानते हैं की भारत में सरकारी तंत्र कितना भ्रष्ट है. राजनैतिक हस्तक्षेप एवं लालफीताशाही ने देश को बुरी तरह से जकड रखा है. हर काम के लिए सम्पूर्ण सरकारी तंत्र में रिश्वत खोरी व भ्रष्टाचार का बोलबाला है. मंत्री, जान प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, राजनैतिक दलों के नेता से लेकर बाबु और चपरासी तक घूसखोरी के लिए बदनाम हैं. अबतो न्यायपालिका और मीडिया भी बुरी तरह भ्रष्टाचार के चपेट में है. 


रिश्वत में कालाधन: बढ़ता भ्रष्टाचार 
हम ये भी जानते हैं की रिश्वत में दिया जाने वाला धन कालाधन ही होता है जिसका कोई हिसाब किताब नहीं रखा जाता। न देनेवाला इसे कहीं बताता है और न ही लेनेवाला। इस तरह कालेधन की ताक़त से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार पनपता रहता है. इसे ऐसे भी कह सकते हैं की सरकारी तंत्र में रिश्वतखोरी कालेधन के सृजन को बढ़ावा देती है. ये भी सर्वविदित है की रिश्वत की रकम प्रायः नगदी के रूप में ही दिया जाता है. इसे बैंकों के माध्यम से या बही खतों में दर्ज कर नहीं दिया जाता। नगद लेनदेन पर अंकुश लगने से रिश्वतखोरी पर भी स्वतः ही अंकुश लगेगा.  

नोटबंदी के दौरान जहाँ अधिकांश बैंक कर्मचारियों ने अपनी लगन व मेहनत से जनता को राहत पहुचाने की कोशिश में रातदिन जुटे रहे वहीँ कुछ भ्रष्ट बैंक कर्मचारियों ने अपनी जेब भरने के लिए इस व्यवस्था को ही फेल करने की कोशिश की. अभी एक दो दिन पूर्व ही ऐसे २७ भ्रष्ट बैंक कर्मियों को निलंबित किया गया एवं ६ का तबादला कर दिया गया. यह भी देखने में आ रहा है की इन दिनों सर्कार भ्रष्ट कर्मचारियों पर अंकुश लगाने का लगातार प्रयत्न कर रही है. 

इन सबसे यह उम्मीद तो बढ़ती ही है की नोटबंदी से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी कम होगी और ईमानदारी से काम होने लगेगा. हालाँकि मैं यह भी नहीं मानता की घूसखोरी पूरी तरह से समाप्त हो जायेगा पर इसपे प्रभावी अंकुश जरूर लगेगा। 

पिछले एक महीने से नोटबंदी के प्रभाव पर लगातार लिख कर जनमत बनाने का प्रयास किया जा रहा है और इसमें आप सब का दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण है अतः अपने विचारों से भी अवगत कराएं जिससे यह चर्चा और भी व्यापक एवं जनहित में हो सके. कृपया अपने कमेंट जरूर करें। इस लेख को अपने परिवार जनों एवं मित्रों तक भी पहुचाएं, एवं व्हाट्सएप, फेसबुक आदि में भी अवश्य शेयर करें जिससे यह जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुच सके.

 कृपया इन लेखों को पढ़ना न भूले। 
५००, १००० के नोट बंद होने का भारत की अर्थनीति पे असर

जाली नोट होंगे बाहर, घटेगा कालाधन: नोट बंद होने का असर


Jyoti Kothari
(Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional)

 #नोटबंदी #सरकारीतंत्र #भ्रष्टाचार #रिश्वतखोरी #कालाधन #लालफीताशाही

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Friday, November 25, 2016

नोटबंदी से घटेगी मुद्रास्फीति और महंगाई


नोटबंदी के प्रभाव से घटेगी मुद्रास्फीति और महंगाई, यह बात अब स्पष्ट रूप से दिखने लगी है. इस समय करीब १४ लाख करोड़ रुपये के ५०० व १००० के नोट बाज़ार में प्रचलित हैं, यह रकम छोटी करेंसी के २ लाख करोड़ के अतिरिक्त है. अनुमान है की नोटबंदी के बाद पांच सौ  व एक हज़ार के नोटों की संख्या में कमी आएगी और यह १४ लाख करोड़ रुपये के स्थान पर १ से ३ लाख करोड़ घटकर ११ से १३ लाख करोड़ के बीच रह जाएगा। साथ ही जाली नोट भी प्रचलन से बाहर हो जाएंगे जिससे मुद्रास्फीति में भरी गिरावट होगी।




मुद्रास्फीति में कमी और कालेधन का प्रभाव घटने का महंगाई पर बड़ा असर होगा। स्वाभाविक रूप से कालाधन फ़िज़ूलख़र्ची को भी बढ़ावा देता है. कालेधन का प्रभाव कम होने से फ़िज़ूलख़र्ची घटेगी। इन सब कारणों से बाज़ार में आपूर्ति की तुलना में मांग कम होगी और महंगाई घटेगी।  महंगाई इस देश की बड़ी समस्या है और इससे आम आदमी ज्यादा पीड़ित है, इस पर अंकुश लगना देश की आम जनता के लिए बहुत बड़ी राहत देनेवाला होगा।

एक बार बैंक में रूपया आ जाने पर वह आयकर के दायरे में आ जाएगा, ऐसी स्थिति में उस पर कर देना लगभग अनिवार्य हो जाएगा और खर्च के लिए निकले गए रकम भी हिसाब किताब में आ जाएंगे। ऐसी स्थिति में उसे खर्च करते समय थोड़ा सोचना पड़ेगा, (इससे आडम्बरपूर्ण शादी, एवं अन्य सामाजिक खर्चों और दिखावों में भी कमी आएगी), कालेधन की तरह उसे मन मर्ज़ी से खर्च नहीं किया जा सकेगा। इससे बचत की आदत भी बढ़ेगी और सामग्रिक रूप से यह फ़िज़ूलख़र्ची पर रोक लगाकर महंगाई को कम करने में सहायक होगा।

मैंने नोटबंदी के तुरंत बाद ही ९ नबम्बर को एक लेख लिखा था ५००, १००० के नोट बंद होने का भारत की अर्थनीति पे असर जिसमे नोटबंदी से होनेवाले प्रभावों का संक्षिप्त विवरण लिखा था एवं वादा किया था की उन सभी प्रभावों पर क्रमशः विस्तार से चर्चा करूँगा। उस कड़ी में यह तीसरा लेख है. आप से आग्रह है की इन सभी लेखों को पढ़ें, अपने विचार कमेंट्स में लिखें एवं इन लेखों को शेयर भी करें, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी मिल सके. आप सबके सहयोग से देश विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।


जाली नोट होंगे बाहर, घटेगा कालाधन: नोट बंद होने का असर



Thanks,
Jyoti Kothari
 (Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional)
#नोटबंदी के प्रभाव से घटेगी #मुद्रास्फीति और #महंगाई #कालाधन #पाँचसौ #हजार #नोट


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Wednesday, November 9, 2016

५००, १००० के नोट बंद होने का भारत की अर्थनीति पे असर


५००, १००० के नोट बंद करने के सरकार के फैसले से भारत की अर्थनीति पर जबरदस्त असर होगा और इसके तात्कालिक एवं दूरगामी दोनों ही प्रकार के परिणाम होंगे। इससे कालाधन बड़े पैमाने पर बहार आएगा लेकिन अर्थनीति पर अन्य सकारात्मक प्रभाव भी होंगे और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत एक सशक्त देश के रूप में उभर कर आएगा। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्त्तमान सरकार के वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अत्यंत सुविचारित रूप से यह फैसला लिया है जिसमे वर्त्तमान में प्रचलित ५०० (पांच सौ) एवं १००० (हज़ार) के नोटों को नए ५००, १०००, एवं २००० (दो हज़ार) के नोटों से बदला जाएगा।


एक हज़ार रुपये का अप्रचलित पुराणा नोट का अग्रभाग 

एक हज़ार रुपये का अप्रचलित पुराणा नोट का पिछला भाग  

भारत की अर्थनीति एवं राजनीती में बड़े बदलाव तो आएंगे ही साथ ही यह सांस्कृतिक बदलाव को भी प्रोत्साहित करेगा और आप सबकी जानकारी के लिए मैं इस पर विस्तार से चर्चा करूँगा। सम्पूर्ण भारतीय जीवनशैली पर पड़नेवाले कुछ प्रभाव निम्नलिखित होंगे:-

१. जाली नोट (करेन्सी) पूरी तरह से प्रचलन से बाहर हो जाएंगे
२. कालाधन व्यापक पैमाने पर बाहर आ जायेगा या नष्ट हो जाएगा
३. बैंकों के पास बहुत बड़ा धन आएगा
४. बैंको में व्यापक स्तर पर नए खाते खुलेंगे एवं पुराने खातों में लेनदेन बढ़ेगा
५. जनधन योजना में खुले हुए खाते प्रचलन में आ जायेंगे
६. मुद्रास्फीति कम होगी एवं महंगाई घटेगी
७. जमीन जायदादों की कीमत और कम होगी एवं लोगों की पहुच में आएगी
८. नशीले पदार्थों एवं सट्टे के व्यापार पर बड़ा अंकुश लगेगा
९. सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार कम होगा
१०. व्याज दर कम होगा एवं पूंजी की उपलव्धता बढ़ेगी
११. नए उद्योग धंधे पनपेंगे एवं रोजगार बढ़ेगा
१२. किसानों को फायदा होगा
१३. फ़िज़ूल खर्ची घटेगी
१४. ईमानदार लोगों का सन्मान बढ़ेगा और बेईमानो का घटेगा
१५. राजनीती में कालेधन का प्रभाव घटने से धनवल और वाहुवल का असर भी कम होगा
१६. विदेशों में भारत की छवि और निखरेगी और देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी
१७. क्रेडिट रेटिंग सुधरेगी, विदेशी निवेश बढ़ेगा एवं विदेशी मुद्रा भण्डार समृद्ध होगा
१८ विदेशी क़र्ज़ पर व्याज की दरें कम होगी जिससे वहुमूल्य विदेशी मुद्रा की वचत होगी
१९. देश के उत्पादकों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में वृद्धि होगी जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय वस्तुओं की स्वीकार्यता बढ़ेगी
२०. भारत दुनिया के आर्थिक रूप से ताकतवर देश के रूप में उभरेगा
२१. आतंकवाद एवं अलगाववाद पर अंकुश लगेगा
२२. कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा

पांच सौ का पुराण नोट जो अब अप्रचलित है 
आने वाले दिनों में उपरोक्त सभी विदुओं / विषयों पर विस्तार से चर्चा करूँगा जिससे भारत पर भविष्य में पड़नेवाले  असर को समझा जा सके. साथ ही कुछ नए बिंदुओं पर भी चर्चा करता रहूँगा जिसे भी पढ़ना न भूलें। आप सब का दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण है अतः अपने विचारों से भी अवगत कराएं जिससे यह चर्चा और भी व्यापक एवं जनहित में हो सके. कृपया अपने कमेंट जरूर करें। इस लेख को अपने परिवार जनों एवं मित्रों तक भी पहुचाएं, एवं व्हाट्सएप, फेसबुक आदि में भी अवश्य शेयर करें जिससे यह जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुच सके.

#नोटबंदी #भारत #अर्थनीति #कालाधन #मुद्रास्फीति #महंगाई #भ्रष्टाचार #सरकारीतंत्र #जमीनजायदाद #जालीनोट

Thanks,
Jyoti Kothari, Adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional. 

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