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Tuesday, February 15, 2011

टोंक फाटक श्री महावीर स्वामी मंदिर में ध्वजारोहण

टोंक फाटक श्री महावीर स्वामी मंदिर एवं दादाबाड़ी में ध्वजारोहण का कार्यक्रम १4 फरबरी को  सानंद संपन्न  संपन्न हुआ. इस अवसर पर श्री महावीर स्वामी मंदिर में सत्रह भेदी पूजा पढाई गई एवं मंदिर में  ध्वजा चढ़ाई गई.

श्री जैन श्वेताम्बर खरतर गच्छ संघ, जयपुर की और से सम्पूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया. विधि विधान श्री प्रेमचंद श्रीश्रीमाल ने संपन्न करवाया.
Thanks,
Jyoti Kothari

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Thursday, February 3, 2011

मोहनबाड़ी में दादागुरु देव पूजन एवं साधर्मी वात्सल्य रविवार ६ फरवरी को

आगामी रविवार ६ फरवरी को मोहनबाड़ी, जयपुर  में दादागुरु देव पूजन एवं साधर्मी वात्सल्य का आयोजन रखा गया है. श्री जैन श्वेताम्बर खरतर गच्छ संघ द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम प. पु. साध्वी श्री मणिप्रभा श्री जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित होगा. प्रातः ९ से ११ बजे तक विचक्षण समाधि मंदिर में दादागुरु देव का पूजन होगा. उसके बाद पूज्या मणिप्रभा श्री जी महाराज का प्रवचन ११ से १२  बजे तक रहेगा.

प्रवचन के पश्चात् साधर्मी वात्सल्य का आयोजन किया जायेगा. सभी साधर्मी वन्धु सादर आमंत्रित हैं.

मणिप्रभा श्री जी महाराज का जयपुर से विहार कार्यक्रम


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Thursday, December 17, 2009

अजीमगंज श्री नेमी नाथ स्वामी स्तवन

जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक समुदाय के खरतर गच्छ परम्परा में, श्री सुख सागर सूरी के समुदाय में पूज्य श्री हरी सागर सूरी  आचार्य बने. उन्हें अजीमगंज में महोत्सव पूर्वक आचार्य पद प्रदान किया गया. उस समय अजीमगंज श्री नेमी नाथ स्वामी के मंदिर में अस्टान्हिका  (अट्ठाई) महोत्सव का आयोजन किया गया. उस अवसर पर मंदिर की शोभा का वर्णन करते हुए श्री जगन्नाथ पटावरी ने एक स्तवन लिखा था. यह स्तवन स्तवनावली एवं प्रभु भजनावली में भी मुद्रित है. यह भजन एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ भी है.
स्तवन


उत्सव की आई बहार,  बहार मेरे प्यारे, उत्सव की आई बहार. 
मंगलमय धन बंगाल देशे,  अजीमगंज उदार,  उदार मेरे प्यारे, उत्सव की आई बहार. १
नेमी प्रभु जिन मंदिर सुन्दर,  देव विमान आकार,  आकार मेरे प्यारे....  २
भाविक भक्त जन पूजा रचावे,  आठ अनेक प्रकार,  प्रकार मेरे प्यारे ..३.
भाव नन्दीश्वर तीरथ राजे, पावापुरी है श्रीकार, श्रीकर मेरे प्यारे ...४
चम्पापुरी वर तीरथ अष्टापद, भव जल से तारनहार, हार मेरे प्यारे... .5
सम्मेत शिखर समवशरण की, रचना है आनंद्कार, कार मेरे प्यारे..६.
पूज्य हरी सागर सूरी पदोत्सव, संघ रचावे जयकार,  कार मेरे प्यारे ...७
साधर्मी आवे देश देश के, दर्शन वंदन कार, कार मेरे प्यारे...८
स्वर्ग निवासी देव देवी गण, आने को उत्सुक अपार, अपार  मेरे प्यारे...९
गंगा नदी जल धारा ले आवे, पाप पखालन हार, हार मेरे प्यारे...१० 
जगन्नाथ प्रभु पुण्य कृपाते, घर घर मंगलाचार, चार मेरे प्यारे...११

अजीमगंज में पूजा
सत्रह भेदी पूजा

Thanks,
Jyoti Kothari

Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is also a ISO 9000 professional.

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