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Thursday, July 18, 2019

जयपुर के बहुचर्चित सड़क दुर्घटना में दोषी कौन?



सड़क दुर्घटना में दोषी कौन?


अभी परसों जयपुर के एक व्यस्ततम चौराहे पे एक भयानक सड़क दुर्घटना हुई जिसमे दो लोग मारे गए. १२० किलोमीटर की रफ़्तार से आती हुई एक कार ने लाल बत्ती पे खड़ी दुपहिया बाहन सवारों को टक्कर मारी जिससे उसमे सवार दो लोगों की मौत हो गई. इस सड़क दुर्घटना का दोषी कौन? प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टक्कर इतनी भयानक थी की बाइक में सवार लोग २०-२५ फुट ऊँचे उछल गए. दुर्घटनास्थल पर ही उनकी मृत्यु हो गई. दोनों ही युवा थे, उनकी मृत्यु से जहाँ उनके घर पर मातम छा गया वहीँ पूरा शहर भी आंदोलित हो उठा है.


जयपुर का बहुचर्चित सड़क दुर्घटना

इस दुर्घटना के लिए प्रत्यक्ष रूप से कार चालक ही दोषी है परन्तु क्या इसमें व्यवस्था का दोष नहीं? ऐसा समाचार है की कार चालाक ने यह स्वीकार किया की उसे ठीक तरह से गाड़ी चलानी नहीं आती  तो फिर उसे कार चलाने का लाइसेंस कैसे मिला? नियमानुसार ड्राइविंग टेस्ट देने और उसमे सफल होने के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस मिल सकता है. परन्तु लाइसेंस दिलाने में दलालों के प्रभाव एवं बिना टेस्ट के लाइसेंस बनवाने के गोरखधंधे से सभी परिचित हैं. अफसरों और दलालों की मिलीभगत से यह काम धड़ल्ले से चलता है. तो फिर असली दोषी कौन? यह बात केवल जयपुर के लिए नहीं है अपितु पुरे भारत में ऐसी ही परिस्थिति है.

ऐसी भी खबरें है की कर चालाक को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं. ऐसी स्थिति में गाड़ी चलाना और भी खतरनाक हो जाता है. क्या इस प्रकार के रोगियों को या मानसिक रोगियों को ड्राइविंग लाइसेंस देना खतरनाक नहीं?

कार चालक ने स्वीकार किया की उसने कार को नियंत्रित करने की कोशिश की परन्तु नहीं कर पाया. उसने ये भी कहा की ब्रेक की जगह एक्सीलेटर पे पैर रख दिया जिससे गाड़ी की गति और बढ़ गई और दुर्घटना घट गई. यह भी समाचार है की पहले से ही उसकी गाडी १०० किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल रही थी और एक्सीलेटर पे पैर रखने से उसकी गति बढ़ कर १२० हो गई. जयपुर के व्यस्त जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर १०० से १२० की गति से गाडी चलाने के पीछे क्या मकसद था? इतनी तेज़ गति से गाडी चलाने पर उसे रोका या पकड़ा क्यों नहीं गया?

दुर्घटना के कारण एवं समाधान 


हम अक्सर अत्यंत तेज़ गति से गाड़ी या बाइक चलाते हुए लोगों को देखते हैं. कई लोग खतरनाक तरीके से भी गाड़ी या दुपहिया बाहन चलाते हैं. चौराहे पर मुड़ते समय भी वे अपनी गति कम नहीं करते. ऐसे लोगों को नियंत्रित क्यों नहीं किया जाता? यदि समय रहते इन्हे सजा दे दी जाए तो दुर्घटनाओं की संख्या काफी कम हो सकती है.

हर शहर में अलग अलग सड़कों पर दुपहिया एवं चौपहिया वाहनों के लिए गति सीमा निर्धारित है. निर्धारित गति से अधिक गति से चलने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है. परन्तु यह लागू क्यों नहीं होता? एक महत्वपूर्ण बात ये भी है की गति सीमा से अधिक होते ही सजा का प्रावधान है परन्तु अत्यधिक या खतरनाक गति के लिए विशेष सजा का कोई प्रावधान नहीं है.


सड़क दुर्घटना की समस्या का समाधान 

इस समस्या का समाधान क्या है? अपने कर्तव्यों की अवहेलना करनेवाले अधिकारीयों को दण्डित किया जाए, यही इस समस्या का स्थाई समाधान है. यह देखा जाए की जिस व्यक्ति की बजह से दुर्घटना हुई उसे लाइसेंस किसने जारी किया था? यह भी देखा जाये की जब गाडी खतरनाक गति से चल रही थी उस समय वहां पर ट्रैफिक ड्यूटी पे कौन था? उन सबकी जबाबदेही तय की जाये और उनके लिए भी जुर्माने और दंड का प्रावधान किया जाये. उच्चाधिकारियों को भी अपने अधीनस्थों से सही तरीके से काम लेने में नाकामी के कारण जबाबदेह बनाया जाये.

सभी सरकारी अधिकारी जनता के सेवक हैं और जनता के दिए हुए कर से ही उन्हें बेतन-भत्ता आदि मिलता है. फिर वे जनता के प्रति जबाबदेह क्यों नहीं? उन्हें जबाबदेह बनाने के लिए यदि पुराने कानूनों में बदलाव करना पड़े तो किया जाए. दुर्घटना में दिए जानेवाले सरकारी मुआबजे का एक हिस्सा भी उनसे वसूला जा सकता है. यह उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझ कर काम करने के लिए मजबूर करेगा.

इस काम के लिए जन प्रतिनिधियों, राज्य एवं केंद्र सरकार के मंत्रियों को भी अपनी सक्रिय भूमिका निभानी होगी. संसद एवं विधानसभाओं में भी ऐसे प्रश्न उठने चाहिए. यदि केंद्र एवं राज्य सरकार कोई प्रभावी कानून नहीं बनाती है तो कोई भी सांसद या विधायक शून्यकाल में इस मसले को उठा सकता है.

ज्योति कुमार कोठारी

Update:

 दो दिन भी नहीं बीते और आज फिर से ऐसी ही एक दुर्घटना हो गई. आज १९ जुलाई की सुबह सुबह जवाहरलाल नेहरू मार्ग में उसी जगह एक बेलगाम कार चालाक ने एक स्कूटर चालक को टक्कर मार कर बुरी तरह घायल कर दिया. समाचार लिखने तक वह व्यक्ति जीवन और मृत्यु से जूझ रहा है.






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Monday, June 10, 2019

जल संरक्षण सरकार की प्राथमिकता: नरेंद्र मोदी


जल संरक्षण सरकार की प्राथमिकता: नरेंद्र मोदी 


लोकसभा में प्रचंड बहुमत से जीत के बाद भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बड़ी घोषणा करते हुए जल संरक्षण को सरकार की प्राथमिकता बताया है. आज सरकार के सभी विभागों के एक सौ वरिष्ठ अधिकारीयों के साथ प्रधान मंत्री मोदी ने बैठक की और सभी अधिकारीयों को मुस्तैदी से काम में जुटकर देश की जनता के जीवन को सरल बनाने का उपाय खोजने का निर्देश दिया. श्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारीयों से कहा की पानी देश की बड़ी समस्या है और करोड़ों लोगों को पीने क पानी भी नहीं मिलता अतः देशवासियों को पीने का पानी मुहैया करना व गरीबी मिटाना उनके सरकार की प्राथमिकता है.

आज की बैठक से यह सुनिश्चित हो गया की जल संरक्षण इस सरकार की प्राथमिकता है और सरकार इस दिशा में तेजी से काम करेगी.

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 

जल का उपयोग और दुरूपयोग 

जल ही जीवन है और पानी के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. यही कारण रहा की प्राचीन काल से ही नदी के किनारे सभ्यताओं का विकास हुआ. इसलिए इन्हे नदी मातृक सभ्यता भी कहा जाता है. जीने के लिए पानी का उपयोग तो करना ही पड़ेगा परन्तु इसके दुरूपयोग को रोकने की आवश्यकता है. व्यक्तिगत, सामाजिक, और सरकारी स्तर पर इसके अपव्यय को रोकने का निरंतर प्रयास करना होगा. 

यूँ तो पुरे विश्व में ही पानी की समस्या है परन्तु भारत में यह विकराल रूप धारण कर चूका है. भारत की जनसँख्या अत्यधिक है लेकिन जमीन और पानी की उपलब्धता सीमित है. भारत में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता अमरीका के बीसवें हिस्से जितना भी नहीं है. ऐसी स्थिति में अमरीकी जीवन शैली की नक़ल कर पानी का दुरूपयोग करना कहाँ की अक्लमंदी है? 

कुए बावड़ी से जल संरक्षण 

भारत में कुए बावड़ी आदि के माध्यम से जल संरक्षण की बड़ी प्राचीन परंपरा है. यही कारण था की थार के रेगिस्तान में भी पानी उपलब्ध हो जाता था. लेकिन हमने आज़ादी के बाद पाश्चात्य जीवन शैली अपना कर अपनी पुराणी परम्पराओं को नष्ट कर दिया और अब उसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं. 

इस विषय में मैंने पहले भी अनेक स्थानों पर बहुत कुछ लिखा है और आज फिर से प्रसंगवश इस विषय पर लिख रहा हूँ. 

अनुपम मिश्रा 




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Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries-Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional)

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Tuesday, May 21, 2019

Vegetarianism is the way of healthier life

Vegetarianism is the way of a healthier life

Main reasons to adopt vegetarianism (French)

Main reasons to adopt vegetarianism (become vegetarian, vegan).  The 4 petals evoke the clover and the chance. The 4 texts evoke the wings of a mill which is running;  French language
Main reasons to adopt vegetarianism (become vegetarian, vegan). The 4 petals evoke the clover and the chance. The 4 texts evoke the wings of a mill which is running; French language | Source

What is Vegetarianism?

Vegetarianism is the way to a healthy life. Modern medical sciences speak of vegetarianism as a way to a healthier life. Several religions advocate for vegetarianism as a way of life. Large numbers of people follow vegetarianism because of their religious belief and some people also follow it for health reasons. However, it is an accepted fact that vegetarianism leads to a healthier life.

Vegetarianism means living only with vegetarian food. Vegetarian foods come from plants. some times, Food obtained from animals are also called vegetarian when it is obtained without killing or harming any animal. Milk is a typical example of vegetarian food obtained from an animal. However, eggs cannot be considered as vegetarian as eating eggs destroy the potential of life.

On the other hand, non-vegetarian foods are obtained from animals, normally by killing them. There is inbuilt cruelty while eating non-vegetarian foods. Vegetarian foods, in general, are healthier than non-vegetarian food. Vegetarian food keeps human being healthy for a long time.

The Vegetarian Festival at Ahm (Chinese Temple) in Phuket

People gathering around Ahm from early morning to witness piercing ceremony and to participate in the parade afterwards in the Vegetarian Festival
People gathering around Ahm from early morning to witness the piercing ceremony and to participate in the parade afterward in the Vegetarian Festival | Source

Vegetarianism and mechanism of the human body

The human body is created for vegetarian food. The human body does not have canine teeth unlike meat eating carnivorous animals likes of lion, tiger, leopard, etc. We have very long intestine as cow, buffalo and other grass-eating animals have. This clearly shows that natural food for a human being is vegetarian food. This is the main reason for being vegetarian and be healthy.

We can easily survive and live only with vegetarian food. However, we cannot survive only with non-vegetarian food. Even the nonvegetarian people used to eat a lot of food grains, vegetables, and fruits.

Consumption of whole grains, legumes, nuts, fruits, and vegetables as a regular diet provides protection against chronic diseases such as cancer, cardiovascular disease, and diabetes. A plant-based diet is rich in phytochemicals etc. These types of foods have health-promoting factors. 

Ellen Jaffe Jones, author of "Eat Vegan on $4 a Day," signing book

Ellen Jaffe Jones, author of Best-Selling "Eat Vegan on $4 a Day" signing books on Publisher's Book Tour at the Largest Food Festivals
Ellen Jaffe Jones, author of Best-Selling "Eat Vegan on $4 a Day" signing books on Publisher's Book Tour at the Largest Food Festivals | Source

Nonvegetarian diet enhances medical costs

Large numbers of scientific literature suggest that consuming whole grains, legumes, fruits, vegetables and nuts and avoiding meat and high-fat animal products benefit with lower blood cholesterol levels and lower blood pressure. These also lead to less obesity and consequently lesser heart diseases, cardiac stroke, cancer, diabetes, and mortality.


Regular exercise program enhances the health benefits. Frequent consumption of nuts, fruits, and green salads lowers the risk of overall mortality by 35-44 percent according to a study conducted on African-Americans.


Non-vegetarian lifestyle has significant health and medical cost. Hypertension, heart disease, obesity, cancer, gallstones, diabetes, and food-borne illness have a higher prevalence among omnivores compared with vegetarians. Total medical costs in the United States attributable to meat consumption were estimated to be $30-60 billion a year. The cost is much more on a global basis.


Michelle Obama, First Lady of the US has initiated a campaign in America for vegetarian food to make childhood healthy. It is worth noted that more than thirty percent of American children born in the 21st century are at high risk of diabetes and obesity-related diseases according to a report.

It is, therefore, advisable to adopt vegetarianism and avoid non-vegetarian food to be healthy and to cut the medical cost caused by non-vegetarianism. 

Jesus was a vegetarian: Video

Video: Famous Vegetarians Quotes - Einstein, Gandhi, Lincoln, Darwin (Smart Historic Figures)

Vegetarian communities - richest communities

Several religions are pro-vegetarianism. Most of the religions teach us non-violence. Vegetarianism is a major constituent of nonviolence. Jainism advocates strongly for vegetarianism. Jain community is a strictly vegetarian community to date. It is difficult to find a Jain who is not vegetarian.

It is worth noted that the main business communities in India like of Oswal, Agrawal, Shrimal, and Maheshwari are mostly vegetarians. All these communities follow vegetarianism. They are also the richest communities in India. Relationship between vegetarianism and richness may be a subject of study and research.

Health is wealth and vegetarianism is healthy. Vegetarians normally abstain from drinks. It keeps minding cool and peaceful. All these have relations with good economic health. Probably these attributes of vegetarianism make these communities rich and wealthy. Asian vegetarian congress.

Asian Vegetarian Congress Video



Latest News and Update


Amsterdam has announced plans to serve vegetarian food by default at all catered events in its buildings from next year.
Meetings in the Dutch capital will be meat-free unless attendees specifically request otherwise, the council’s executive body has announced. May 21, 2019

Vegan future: Will most go vegetarian by...


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Tuesday, May 14, 2019

Newest articles in LinkedIn


What are the newest articles in LinkedIn?

As we have posted a blog on earlier links of several LinkedIn articles, we post here the newest. These are on different topics. For instance, the economy and finance, politics, languages, science, etc.

Please follow the links to read more the LinkedIn articles.

नोटबंदी का भारत की अर्थनीति पे असर, २२ बड़े फायदे

Comparison of Indian and American stock markets, Dow Jones vs Sensex
https://www.linkedin.com/pulse/comparison-indian-american-stock-markets-dow-jones-vs-jyoti-kothari 


Comparison of Indian and American stock markets, Dow Jones vs Sensex Part 2
https://www.linkedin.com/pulse/comparison-indian-american-stock-markets-dow-jones-vs-jyoti-kothari-1d 

What can Narendra Modi do for the Muslim community in India?
https://www.linkedin.com/pulse/what-can-narendra-modi-do-muslim-community-india-jyoti-kothari/

Modern Physics and Subatomic particles
https://www.linkedin.com/pulse/modern-physics-subatomic-particles-jyoti-kothari/

What are Tri-lingual children: Learning languages in India
https://www.linkedin.com/pulse/what-tri-lingual-children-learning-languages-india-jyoti-kothari/

#stockmarket #America #India #DowJones #Sensex #BSE #NYSE #Share #Bombay #NewYork

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Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries-Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional

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Monday, May 13, 2019

নরেন্দ্র মোদী, বিজেপি এবং পশ্চিম বঙ্গে নির্বাচন


নরেন্দ্র মোদী, বিজেপি এবং পশ্চিম বঙ্গে নির্বাচন সম্বন্ধে ২০১৪ সালে অনেক কিছুই লিখেছিলাম। সেই সময়ে আমি ছিলাম নরেন্দ্র মোদী বিচার মঞ্চের বাংলা প্রভারী। সেই সময়ে রাজস্থান থেকে এসে ২৫ দিন ছিলাম পশ্চিম বঙ্গে এবং সংগঠন ও লোকসভা নির্বাচন সম্বন্ধে কাজ দেখছিলাম। আজ দেখলাম যে সেই লেখা গুলো আজ আর ও প্রাসঙ্গিক হয়ে উঠেছে তাই সেগুলোর একটা লিংক এইখানে দিচ্ছি, মানে হয় আপনাদের পছন্দ হবে.

অমিত শাহ সমাচার
অমিত শাহ সমাচার 

Links to Bengali articles 

BJP, Narendra Modi and Loksabha election in West Bengal.

সোনার বাংলা একজোট, মোদী পাবেন সব ভোট

বাঙালি সমাজ, জয়পুর বিজেপি এবং নরেন্দ্র মোদির পক্ষে


পদ্ম ফুল বিজেপি
পদ্ম ফুল বিজেপি

লোকসভা নির্বাচনে সর্বশ্রেষ্ঠ প্রদর্শনের পথে বিজেপি

বারাণসী থেকে লডবেন নরেন্দ্র মোদী

শিক্ষিত বেকার যুবক চাকরি পাবে জয়পুরে

নরেন্দ্র মোদী
নরেন্দ্র মোদী

পশ্চিম বঙ্গে এই নির্বাচনে বিজেপির ভোট শেয়ার তিন গুন হলো

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Wednesday, May 8, 2019

Articles in LinkedIn

Articles in LinkedIn

I love to write and writing everywhere on various topics. I write in my blogs and also in other forums. Some of my articles are published in LinkedIn. You may like to read those articles. Below is a list of published articles in LinkedIn.

Linkedin Articles
What can Narendra Modi do for Muslim community in India?


Unemployed Youth in India: Problems and solutions of unemployment


It is better to go for training (And not for IT engineering) after high school


Transforming India- Digital revolution


Role of IT in rural development and food security bill in India


How can India rank higher in Human Capital Index?


Transforming India with Skill, Management, and Entrepreneurship


The concept for changing the Indian education scenario


IDS 2016- Corrupt politicians and Bureaucrats Vs Businessmen


Hindu festival in India: Shraddh Paksha: Pitri Paksha


The Navpad Oli (Ayambil) Festival of India's Jain Community


Festival in India: Akha Teej (Akshaya Tritiya), the Auspicious Day



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Sunday, May 5, 2019

Blockchain Explained, Blockchain Business Application Videos

Blockchain technology Videos


Blockchain, new technology has arrived and disrupted the business. People want to know about blockchain technology. Also, they want to know how to use Blockchain business applications and how will it disrupt businesses. We have placed some videos that explain all about this technology and business applications. 

Blockchain is an incorruptible digital ledger managed through distributed networks. There is no central server or central authority that manages the distributed ledger on a blockchain platform. Bitcoin has introduced ignited the run on blockchain technology. Nowadays, hundreds of cryptocurrencies like Bitcoin and Etherium are disrupting the currency market slowly replacing fiat currencies like dollar, pound and mark.

Need a dedicated developer for Blockchain development?

If this interests you and you want to know more about this please click the links.

Blockchain Technology And Business Applications Trends

Blockchain Explained- Blockchain Tutorials



What is Blockchain? Blockchain technology explained


How does a Blockchain work


AWS Tutorial from Edureka


In Depth: Blockchain Technology


What is Blockchain?

Blockchain Tutorials In Hindi



What is Blockchain? Full details in Hindi. How will it be useful for the Public and Banking Sector?

Blockchain Business Applications in Industries

How the blockchain is changing money and business | Don Tapscott




19 Industries The Blockchain Will Disrupt



How Blockchain can transform India | Jaspreet Bindra

Blogger Vardhaman Infotech 

Technology Blogs














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Friday, August 3, 2018

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Friday, May 25, 2018

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जैन साधु साध्वी एवं जैन समाज

सार संक्षेप:  मात्र कुछ हज़ार समर्पित प्रचारकों के सहारे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश के सांस्कृतिक और राजनैतिक पटल को बदल सकता है तो फिर १५ हजार त्यागी, तपस्वी, विद्वान, पैदल विहारी जैन साधु साध्वी क्या देश से मांस निर्यात भी नहीं रोक सकते?

जैन साधु साध्वी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 

 महावीर के पूर्णकालिक जीवनदानी स्वयंसेवक, विश्व वन्धुत्व की भावना से काम करने वाले, आत्मसाधना और निःस्वार्थ सेवा के भाव से निरंतर चलनेवाले जैन साधु-साध्वी भगवंत सम्पूर्ण समाज को दिशा देने में सक्षम हैं. आज के इस विषम काल में भी १४-१५ हज़ार जैन श्रमण-श्रमणी वृन्द भारत में विचरण कर रहे हैं. इस बात में कोई संशय नहीं है की संयमी तपस्वियों की इतनी बड़ी संख्या बहुत बड़ी क्रांति लाने में सक्षम है.

इस लेख का ये एक पहलु है दूसरी ओर हमने देश के सांस्कृतिक और राजनैतिक पटल पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को उभरते हुए देखा है. आज देश के प्रधान मंत्री से लेकर अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी इस संस्था की देन हैं. अनेकों मंत्री, सांसद, विधायक अदि भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य हैं. राष्ट्रीय ही नहीं अपितु अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में उनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है. ये सबकुछ संभव हो सका है कुछ हज़ार प्रचारकों और बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों के कारण जो अपनी विचारधारा में टीके रहकर लगातार अपना काम करते रहते हैं. वे संघर्ष करते हैं, साथ जुटाते हैं, और जरुरत पड़ने पर अकेले ही चल देते हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में रविशंकर जी के साथ जैन मुनि मैत्रिप्रभ सागर  


मांस निर्यात: अहिंसा की धरती भारत पर कलंक

जैन साधु साध्वी गण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारकों से भी अधिक कठोर और त्यागमय जीवन जीते हैं. निरंतर पैदल चलने के कारन उनका जनसम्पर्क भी संघ के प्रचारकों से ज्यादा होता है. फिर क्या कारण है की इतनी बड़ी संख्या में त्यागी तपस्वी साधक प्रचारकों के होने के बाबजूद हम भारत से मांस निर्यात तक नहीं रोक पाए? जबकि अहिंसा हमारा प्रथम धर्म है. आज भी देश में हज़ारों की संख्या में यांत्रिक कत्लखाने हैं और खरबों रुपये का मांस निर्यात होता है. सबसे शर्मनाक बात तो ये है की महावीर और बुद्ध की यह धरती, हमारा महान भारत देश, दुनिया में मांस का सबसे बड़ा निर्यातक बन कर उभरा है. क्या हम इस कलंक को धो सकेंगे?

यांत्रिक कत्लखाने का लोमहर्षक दृश्य 


जैन साधु साध्वियों का बिहार एवं जैन व जैनेतर समाज पर उनका प्रभाव 

जैन साधु साध्वी साल में ८ महीने लगातार परिभ्रमण करते रहते हैं और इस दौरान बड़े नगरों से लेकर छोटे छोटे गाँव ढाणियों तक के लोगों से उनका संपर्क होता है. समाज के अमीर गरीब, बच्चे बूढ़े, महिला पुरुष सभी वर्गों से उनकी मुलाकात और बातचीत होती है. इस प्रकार उन्हें देश और समाज से जुड़े सभी पहलुओं की जमीन से जुडी हक़ीक़तों का ज्ञान हो जाता है. उन्हें समाज में होनेवाली घटनाओं और चलने वाली गतिविधियों का भी पता होता है. समाज में कौन सी अच्छाइयां है और क्या बुराइयां पनप रही है ये भी उन्हें मालूम होता है.  केवल धार्मिक ही नहीं अपितु व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, अदि सभी पहलुओं पर उनकी मजबूत पकड़ होती है और वे उनकी जड़ों पर प्रहार करने की क्षमता भी रखते हैं.

जैन साधुओं का विहार 

विहार और तपस्या के बीच निरंतर स्वाध्याय से उनका ज्ञान भी बढ़ता रहता है और अनेकों साधु साध्वी चलती फिरती लाइब्रेरी बन जाते हैं. आगम और शास्त्रों का ज्ञान निजी अनुभव से मिलकर और भी तीक्ष्ण और उपयोगी बन जाता है. उनके त्याग तप के कारण सभी समाजों में उनका आदर होता है. जैन समाज ही नहीं अपितु सर्व समाज के लिए उनका योगदान प्रशंसनीय है.

जैन साध्वियों का विहार

भगवान महावीर एवं परवर्ती आचार्यों का राजसत्ता पर प्रभाव

महाविरोत्तर युग में प्रभावक आचार्यों ने सदा ही राजसत्ता को प्रभावित किया है और उन् पर धर्म का अंकुश बना कर रखा है. उनके ज्ञान और चारित्रवल के आगे सम्राट हमेशा नतमस्तक रहा है. जनमानस पर भी उनका व्यापक प्रभाव रहा है और इस कारण कोई राजा या सम्राट उनकी अवहेलना करने का साहस नहीं कर पाता था.

सम्राट श्रेणिक पर भगवान् महावीर का गहरा प्रभाव था और उसके बाद के युगों में मगध सम्राट चन्द्रगुप्त ने १४ पूर्वाधर अंतिम श्रुतकेवली भद्रवाहु स्वामी से दीक्षा ली थी.


श्रुतकेवली भद्रबाहु स्वामी की गुफा 



महाविरोत्तर युग के प्रभावक आचार्य

महापद्मनंद के महामंत्री के पुत्र स्थुलीभद्र आर्य सम्भूति विजय के पास दीक्षित हुए थे. आर्य सुहस्ती एवं आर्य महगिरि के प्रभाव में था सम्राट सम्प्रति का जीवन जिन्होंने जिन धर्म की महती प्रभावना की थी. कालिकाचार्य ने अत्याचारी गर्दभिल्ल राजा के खिलाफ सेना संगृहीत कर उसका अंत किया था और सिद्धसेन दिवाकर ने अठारह देशों के अधिपति उज्जयनी के सम्राट विक्रमादित्य को प्रतिबोध किया था. उड़ीसा में महाराजा खारवेल जैन धर्म के अनुयायी थे और उन्होंने खंडगिरि और उदयगिरि की प्रसिद्द गुफाओं का निर्माण करवाया था.

कल्पसूत्र में स्थुलभद्र का प्राचीन चित्र
  

दक्षिण के कर्णाटक प्रान्त में महाराजा चामुण्डराय को कौन नहीं जनता जिन्होंने गोम्मटेश्वर बाहुवली की प्रतिमा का निर्माण करवाया. गुजरात के निर्माण एवं एकीकरण में कलिकाल सर्वज्ञ हेमचंद्राचार्य की भूमिका की तुलना भारत के एकीकरण में चाणक्य की भूमिका से की जाती है. गुजरात नरेश सिद्धराज जय सिंह  पर उनका प्रभाव सर्वविदित है और पाटन नरेश कुमारपाल तो उनके साक्षात् शिष्य ही थे. यह महाराजा कुमारपाल का ही प्रभाव है की आज भी गुजरात देश के सबसे अहिंसक राज्यों में गिना जाता है.

कलिकाल सर्वज्ञ हेमचंद्राचार्य

मध्य एवं मुग़ल काल के प्रभावशाली जैन आचार्य

पाटन नरेश दुर्लभराज ने जिनेश्वर सूरी को "खरतर" की उपाधि से सन्मानित किया था. उनकी परंपरा में अभयदेव सूरी, वल्लभ सूरी, प्रथम दादा श्री जिनदत्त सूरी आदि ने मारवाड़ के अनेक राजाओं को प्रतिबोध कर जैन धर्म अंगीकार करवाया. उन्होंने सिसोदिया, सोलंकी, चौहान, भाटी, पमार, राठोड आदि अनेक वंशों के राजाओं को जैन धर्मानुयायी बनाया. दिल्लीश्वर मदनपाल ने जिनदत्त सूरी के शिष्य द्वितीय दादा मणिधारी जिनचन्द्र सूरी की आज्ञा शिरोधार्य की थी और मदनपाल के निमंत्रण पर ही वे योगिनीपुर (दिल्ली का तत्कालीन नाम) भी पधारे थे.

बादशाह मोहम्मद बिन तुग़लक़ जिनप्रभ सूरी को अपना गुरु मानता था. मुग़ल सम्राट अकबर पर जगतगुरु हीरविजय सूरी एवं चौथे दादा श्री जिनचन्द्र सूरी का प्रत्यक्ष प्रभाव था. इन आचार्यों से प्रभावित हो कर उसने अपने पुरे राज्य में साल में छह महीने अकता (जीवहत्या निषेध) की घोषणा की थी एवं सम्मेतशिखर का पहाड़ (पारसनाथ) यावत्चन्द्र्दिवाकरौ श्वेताम्बर जैनों के नाम कर दिया था. मुग़ल बादशाह जहांगीर जिनचन्द्र सूरी को बड़े गुरु के नाम से सम्वोधित करता था और उसने भी अकबर के अकता सम्वन्धी फरमानों को नए सिरे से जारी किया था. यदि मुग़ल बादशाह अकबर जीवहत्या के विरोध में फरमान जारी कर सकता है तो क्या आज की प्रजातान्त्रिक सरकार मांस निर्यात पर प्रतिवंध नहीं लगा सकती?

अकबर को प्रतिबोध करते हुए चतुर्थ दादा श्री जिन चंद्र सूरी

जैन श्रमण: आत्मसाधना एवं लोक कल्याण का समन्वय

इस प्रकार प्राचीनकाल से ले कर मध्ययुग तक जैन आचार्यों / मुनियों ने सम्राटों, राजाओं, मंत्रियों को अपनी आत्मसाधना, ज्ञान और चारित्र वल से प्रभावित किया, अहिंसा का उद्घोष कराया और जयवंत जिनशासन की प्रभावना की. यहाँ प्रश्न उठता है की जैन साधु अत्मसाधक होते हैं तो फिर उन्हें संसारी कार्यों से क्या लेना देना? जैन श्रमण जब आत्म साधना नहीं करते तब क्या करते हैं या उन्हें क्या करना चाहिए? वास्तविकता ये है की कोई भी व्यक्ति लगातार आत्मसाधना नहीं कर सकता और जब आत्मसाधना नहीं करते तब जिनधर्म की आराधना और लोकोपकार के कार्य करते हैं. सम्राटों का आचार्यों के चरणों में झुकना उनके अहंकार के लिए नहीं अपितु लोक कल्याण के लिए होता है. आचार्यों का प्रभाव राजाओं और सम्राटों को सुशासन और लोककल्याण के लिए प्रेरित करता है, उन्हें कुमार्ग से हटाकर सन्मार्ग पर स्थापित करता है.

 वर्त्तमान के सभी जैनाचार्यों, मुनियों से मेरा निवेदन है की इस दिशा में विचार करें और संगठित हो कर अपने संयम और तपोवल से देश, समाज और राजनीती को नई दिशा दें. समाज के श्रेष्ठि वर्ग भी यदि अपने नाम के पीछे न भाग कर ऐसे कार्यों में श्रमण समुदाय का सहयोग करे तो इस उत्तम कार्य को गति मिलेगी. हम अपने अपने संप्रदाय, गच्छ, मत-मतान्तर की संकीर्णता भूलकर इस वृहत्तर यज्ञ में अपना योगदान करें. अपने अपने संप्रदाय की मान्यताओं को अपने धर्मस्थानों (मंदिर, उपाश्रय, स्थानक आदि) तक ही सीमित रखें, एक दूसरे की आलोचना न करें और महावीर के मूल सिद्धांतों जैसे अहिंसा, करुणा, अनेकांत अदि को प्रसारित करने में अपना योगदान करें.

प्रमुख जैन उद्योगपति गौतम अडानी 


सशक्त और समृद्धिशाली जैन समाज

जैन समुदाय एक सशक्त और समृद्धिशाली समाज है. इस समाज की साक्षरता दर देश में सबसे अधिक है और देश की समृद्धि में सर्वाधिक योगदान है. धार्मिक एवं सेवाकार्यों में दान देने की प्रवृत्ति भी है. जैन समाज प्रतिवर्ष खरबों रूपये धार्मिक आयोजनों में खर्च भी करता है परन्तु अफ़सोस की बात है की देश के सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक क्षितिज में जैनो का प्रभाव नगण्य ही है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सीख

मैं पुनः अपनी मूल बात पर आता हूँ की हमे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सीखना चाहिए की किस तरह उन्होंने कम पैसे खर्च कर भी देश की सांस्कृतिक उन्नति में अपना योगदान किया और अंततः राजनैतिक वर्चस्व भी प्राप्त किया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश को दो दो यशस्वी प्रधानमंत्री भी दिए. हम भी एक वर्ष के लिए अपना एजेंडा तय कर लें और अपने सभी संसाधनों को उस दिशा में मोड़ दें. अहिंसा हमारा मुख्य धर्म है और पशुओं के क़त्ल को रोकने की दिशा में हमारा यह प्रयत्न हो तो कितना अच्छा होगा. कम से कम देश में नए कत्लखाने न खुलें, जो खुले हुए हैं वो बंद हो और अग्रणी मांस निर्यातक होने का जो कलंक इस महान भारत देश पर है वो मिट जाये.

इस काम के लिए जैन साधु साध्वियों और श्रावक श्राविकाओं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सीख ले कर उनके जैसे काम करना चाहिए या नहीं इस बात पर अवश्य विचार करें.


Thanks, 
Jyoti Kothari (Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is an adviser, to Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also an ISO 9000 professional)

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Wednesday, May 16, 2018

What are winter sports and winter Olympics?

Winter sports

Winter sports are normally played during the winter season. Formally, these sports are played on snow and ice. Some of the winter sports are played around the year such as Basketball. These are informal winter sports. Winter sports are quite different from the normal sports. These are normally the games take place in the snowy area. The places may be on the hilltops are artificially created one.
The main winter sports are Ice hockey, Figure skating, Snow-blading, Mono skiing, Skoal, Tobogganing, and Snowmobiling. Other common winter sports include Alpine and Nordic Skiing, Snowboarding, Sledding events such as Luge, Skeleton, and bobsleigh.

Winter Sports included in Winter Olympics

Some of the winter sports are included in Winter Olympics and some are not. There are also some games which are included in some Olympics and not in other Winter Olympics.
There are several sports included in Winter Olympics Turin 2006 in individual and team categories. These are as follow:
Individual categories:
Ice skating:
Figure skating, Short-track Speedskating and Speed skating were included in Ice skating category.
Skiing
Alpine skiing, Biathlon, Cross-country skiing, Freestyle skiing, New school skiing, Nordic combined and Ski jumping were included in Turin Olympics as Skiing events.
Sledding:

Bobsled, Luge, and Skeleton were played as Sledding.
Snowboarding:
Alpine snowboarding, Boardercross, Freestyle snowboarding, and Slalom were the winter sports included Snowboarding games in the winter Olympics.
Team sports:
Curling and Ice hockey.

Snowbike in Colorado
By Bernd Brenter [CC BY-SA 3.0 (https://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0)], from Wikimedia Commons

Winter Sports, Not included in Winter Olympics
There are some winter sports not included in the Winter Olympics. These are as follow:
Ice skating
Synchronized skating
Skiing
Ski archery, Ski-boarding, Skibob, Ski-joring, Snowshoe, Speed skiing and Telemark skiing were not included in Turin Olympics.
Sledding:
Air-board, Dogsled racing, Ice Blocking and Wok racing were also not found their places in the Winter Olympics Turin 2006.
Snowmobiling:
freestyle, snow-cross. Recreation, cross country and hill climbing in snowmobiling category were not included in Winter Olympics Turin 2006.
Team sports
Some of the team sports are played and enjoyed but not included in the Winter Olympics such as Bandy, Broomball, Ringlet, and Ice stock sport. Snowball fight is also a popular winter sport. Snowman building is popular among children and who build the highest one become the winner. Though Sledge hockey was not included in Winter Olympics it was included in Winter Paralympic Sport.
Recreational sports
People especially children enjoy some of the winter sports on a casual basis. Building snowmen, Ice boating or sailing, Ice swimming, Shiny, Snowball fight, and Tobogganing are some of them.

Thanks,
Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries-Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is the adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional

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