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Sunday, January 21, 2018

जयपुर के जैन समाज की प्रेरणादायी गतिविधियां

जयपुर के जैन समाज की प्रेरणाष्पद गतिविधियां 

राजस्थान की राजधानी जयपुर जैन समाज का गढ़ है. यहाँ श्वेताम्बर एवं दिगंबर दोनों समाज मिलकर लगभग तीन लाख जैन रहते हैं. जैन समाज मुख्यतः व्यापारिक समुदाय है परन्तु समाज में अनेक नौकरीपेशा लोग भी हैं. जयपुर का जैन समाज न केवल स्वावलम्बी एवं समृद्ध है वल्कि सामाजिक कार्यों में इनका अतुलनीय योगदान है.

मुख्यतः व्यापारिक कामों में रहते हुए भी धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य, सेवा, यहाँ तक की राजनैतिक गतिविधियों में भी जैन समाज की भागीदारी महत्वपूर्ण है. जयपुर का मुख्य व्यापार जवाहरात का है और इस व्यवसाय में पचास प्रतिशत से भी अधिक योगदान अकेले जैन समाज का है. अन्य व्यापारों जैसे जमीन जायदाद, कपडा, पर्यटन, आदि में भी जैन समाज अग्रणी है.

प्रभुपूजन करती हुई महिलाएं 
प्रवचन देती हुई साध्वियां 
जयपुर धार्मिक नगरी है और लगभग ५०० जैन मंदिर, अनेकों उपाश्रय, पौषाल, स्थानक, नसियां आदि यहाँ की धार्मिकता की कहानी के परिचायक हैं. यहाँ चातुर्मास, प्रतिष्ठा, पंच कल्याणक, भक्ति संध्या, पूजन समारोह आदि की झड़ी लगी रहती है.

सामाजिक गतिविधियों में भी जयपुर का जैन समाज अग्रणी है. यहाँ के त्यौहार देखने लायक होते हैं. जयपुर के जैन समाज के विवाहादि समारोहों की चर्चा देश-विदेश में होती है. आये दिन सामाजिक सम्मलेन होते रहते हैं. सामाजिक सभाओं के माध्यम से जैन समुदाय के लोग लगातार एक दूसरे से मिलते जुलते रहते हैं और सामाजिक समरसता बनाये रखते हैं.


अपनी संस्कृति को बनाये रखने की जैन समाज की लगन काबीले तारीफ है. अपनी सांस्कृतिक पहचान बनाये रखने की शिक्षा जैन समाज के बालक बालिकाओं को जनम घुंटी में ही मिल जाती है. वर्ष भर तक होनेवाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लोग अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं. चित्रकारी हो या गीत संगीत, हस्त शिल्प हो या कविता, कला के हर क्षेत्र में जैन समाज के लोगों की रूचि रहती है.

शिक्षा तो ऐसा क्षेत्र है जहाँ जैन समाज के योगदान के बिना जयपुर की कल्पना भी नहीं की जा सकती. जैन समाज बहुत बड़ी संख्या में स्कूल, कॉलेज एवं अन्य शिक्षा संस्थानों का सञ्चालन करता है. इनमे श्री श्वेताम्बर जैन विद्यालय १२५ वर्ष से भी अधिक पुराना है. यह जयपुर का प्रथम गैरसरकारी विद्यालय है. ८० वर्ष से भी अधिक पुराना वीर बालिका विद्यालय महिला शिक्षा के क्षेत्र की सबसे पुराना संस्था है. सुवोध समूह सबसे बड़ा है जिसकी लगभग ३० शाखाएं है. इसीप्रकार अन्य भी कई संस्थाएं उत्कृष्ट शिक्षा की वाहक है. केवल जैन समाज द्वारा संचालित शिक्षा संस्थानों में ही ५० हज़ार से अधिक छात्र/छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. यह संस्थाएं पूर्व प्राथमिक से स्नातकोत्तर तक की शिक्षा प्रदान करती है.

जयपुर फुट के साथ डी आर मेहता 
जयपुर के जैन समाज ने अनेकों अस्पताल, क्लिनिक आदि का निर्माण करवा कर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा  के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान  दिया है. यहाँ का भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (जयपुर फुट) अपने क्षेत्र की विश्व की सबसे बड़ी संस्था है जहाँ प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में दिव्यांगों को सहायता पहुंचाई जाती है.  भगवन महावीर कैंसर अस्पताल कैंसर चिकित्सा का राजस्थान का सबसे बड़ा केंद्र है और देश की ख्यातनाम चिकित्सा संस्था है. संतोकबा दुर्लभजी एवं अमर जैन अस्पताल की भी अपनी प्रतिष्ठा है. इसके अतिरिक्त भी अनेकों अस्पताल, क्लिनिक निदान केंद्र आदि जैन समाज द्वारा संचालित है. महावीर इंटरनेशनल निःशुल्क दवा वितरण, नेत्र चिकित्सा शिविर आदि के माध्यम से अपनी सेवाएं प्रदान करती है. जयपुर का आई बैंक भी जैन समाज की देन है.

सेवा के क्षेत्र में भी जैन समाज पीछे नहीं है. सैंकड़ों स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से यह कार्य निरंतर गतिमान रहता है. बढ़, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं का समय हो या गरीबों को भोजन देना, पशु-पक्षी की सेवा करनी हो या भूखों को भोजन जैन समाज इन सभी कामों में सदा अग्रणी रहता है.


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Jyoti Kothari (Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional)



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Monday, October 23, 2017

लोकसेवक संशोधन विधेयक 2017 पुनर्विचार हेतु वापस


राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 

राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने चौतरफा विरोध को देखते हुए प्रस्तावित लोकसेवक संशोधन विधेयक 2017 को पुनर्विचार हेतु वापस लेकर एक अच्छा कदम उठाया है. सरकारी कर्मचारियों के प्रति एक आम धारणा है की वे निकम्मे व भ्रष्ट हैं. स्वतंत्रता के बाद के ७० वर्षों की उनकी कार्यशैली ने इस धारणा को लगातार पुष्ट किया है. एक के बाद एक सात पे कमीशन (सातवां वेतन आयोग) के माध्यम से लगातार उनके वेतन, भत्ते एवं सुविधाओं में लगातार हो रही वृद्धि को भी सामान्य जन अपने ऊपर एक बोझ के रूप में ही देखते हैं. सरकारी कर्मचारी चाहे राज्य सरकार का हो अथवा केंद्र सरकार का सभी की स्थिति एक जैसी है. इसमें हम रक्षा विभाग के अंतर्गत कर्मचारियों को अपवाद स्वरुप देख सकते हैं जिन्हे जनता आज भी सन्मान की दृष्टि से देखती है.

सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार एवं निकम्मेपन के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है उन्हें मिलनेवाली कानूनी सुरक्षा कवच. यद्यपि अपने कर्त्तव्य को निभाने के लिए कुछ आवश्यक रक्षा कवच की उन्हें भी आवश्यकता है परन्तु इसका अत्यधिक दुरूपयोग जनता की आँखों की किरकिरी हो चुकी है. अंग्रेज सरकार ने भारतीयों को गुलाम बनाये रखने के लिए सरकारी कर्मचारियों का जमकर दुरूपयोग किया और उन्हें क़ानूनी सुरक्षा कवच दे कर उन्हें ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया. उसी कोलोनियल तंत्र का आज के इस प्रजातंत्र के युग में भी बने रहना दुर्भाग्य का ही विषय है.

इस क़ानूनी सुरक्षा कवच के कारण सरकारी कर्मचारियों पर किसी तरह की कानूनी कार्यवाही करना काफी कठिन काम हो जाता है. प्रायः राज्य और केंद्र सरकारें इन निकम्मे और भ्रष्ट कर्मचारियों को दण्डित करने के स्थान पर उन्हें बचाने का ही काम करती है. इसलिए ये कर्मचारी जनता के प्रति अपने उत्तर दायित्व को निभाने की जगह अपने राजनैतिक आकाओं को खुश करने में लगे रहते हैं और पिसती है बेचारी जनता. आखिर इन कर्मचारियों के वेतन-भत्ते एवं अन्य सुविधाओं का इंतज़ाम जनता की गाढ़ी कमाई से वसूले गए कर (Tax) से ही होता है!

पहले से ही दिए गए क़ानूनी सुरक्षा कवच में इस संशोधन के जरिये और भी बढ़ोतरी की जा रही थी. इस सम्वन्ध में २-३ माह पहले ही अध्यादेश ला कर राजस्थान की भाजपा सरकार ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी थी. परन्तु इस विधेयक के खिलाफ विपक्षी कांग्रेस ने पुरजोर आवाज उठाई। यहाँ तक की सत्ता पक्ष के कुछ  विधायकों जैसे सांगानेर के विधायक घनश्याम तिवाड़ी एवं बीकानेर के मानक चन्द सुराणा ने भी इसके विरोध में बोलना शुरू किया. समाचार माध्यमों ने भी इस विषय को पुरजोर तरीके से उठा कर इसे जनता का मुद्दा बना दिया. ऐसी स्थिति में मजबूर हो कर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आज इस विधेयक पर पुनर्विचार करने की घोषणा करनी पड़ी.

यद्यपि विपक्षी कांग्रेस ने अभी इस विधेयक का विरोध किया है परन्तु ७० वर्षों तक इस प्रकार के विधेयक को केंद्र एवं राज्य सरकारों में बनाये रखने का पाप कांग्रेस ने ही किया है. यह तो बात ऐसी हुई की सौ चूहे खा कर बिल्ली को है को चली! अब समय है जनता के जागरूक होने का और जागरूक जनता ही सरकारी कर्मचारियों को सही रस्ते पर ला सकती है.

अतः जागो जनता जागो! अतः जागो जनता जागो! अतः जागो जनता जागो! अतः जागो जनता जागो! 



Thanks,
Jyoti Kothari

Vardhaman Infotech
eCommerce and Mobile Application development 
Jaipur, Rajasthan, India
E-mail: info@vardhamaninfotech.com

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Sunday, April 16, 2017

मालपुरा में भव्य शताब्दी महोत्सव ६ व ७ मई को

विजयेन्द्र सूरीश्वर राजे, छड़ीदार सेवक संग साजे,
जो यह गुरु इकतीसा गावे, सुन्दर लक्ष्मी लीला पावे।
श्रीपूज्य श्री जिन विजयेन्द्र सूरीश्वर जी महाराज 
जंगम युगप्रधान वृहद् भट्टारक, खरतर गच्छाधिपति, सिद्धांत महोदधि आदि अनेक बिरुद से अलंकृत  श्रीपूज्यजी १००८ श्री जिन विजयेन्द्र सूरीश्वर जी महाराज बीकानेर बड़ी गद्दी के श्रीपूज्य थे. बीकानेर महाराजा ने स्वयं उन्हें श्रीपूज्य का पद प्रदान किया था. आपकी बड़ी दीक्षा मालपुरा में यति श्री श्यामलालजी के पास हुई थी जिसमे तत्कालीन श्रीपूज्य श्री जिन चरित्र सूरी जी महाराज स्वयं उपस्थित थे.  बड़ी संख्या में यतिगण उन भक्तवत्सल के आज्ञा में विचरण करते थे. उनके आशीर्वाद से उनके छड़ीदार "गोपाल" ने गुरु इकतीसा की रचना की जिसका आज भी भक्तगण निरंतर पाठ करते हैं. 
आपका जन्म सन १९१७ में हुआ था. 


              श्रीपूज्यजी १००८ श्री जिन विजयेन्द्र सूरीश्वर जी महाराज जन्मशताब्दी महोत्सव

मालपुरा दादाबाड़ी, ६ व ७ मई, २०१७
सान्निध्य : श्रीपूज्य जी श्री जिन चंद्र सूरी जी महाराज


आप के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में पूज्य श्री की दीक्षा स्थली मालपुरा दादाबाड़ी में उनके दीक्षा दिवस के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम का भव्य आयोजन हो रहा है. शुभ संयोग से यह दिन शाशन स्थापना दिवस भी है.  वीर प्रभु ने केवल ज्ञान प्राप्ति के बाद बैशाख शुक्ल एकादशी के दिन चतुर्विध संघ की स्थापना की थी. इस उपलक्ष्य में शनिवार, ६ मई को मालपुरा दादाबाड़ी प्रांगण में सायं ५ बजे भव्य वरघोड़ा निकाला जायेगा. आरती के बाद भव्य रात्री जागरण (भक्ति संध्या) का कार्यक्रम होगा। 

राजस्थान की सुप्रसिद्ध म्युज़िक कम्पनी "वीणा कैसेट्स" द्वारा भक्ति संगीत के कार्यक्रम का मंचन किया जायेगा जिसमे प्रसिद्द गायक कलाकार सतीश देहरा, मुंबई (रामायण ख्यात), श्रीमती मुकुल सोनी, रीवा, एवं नवोदित गायिका सुश्री श्वेता जायसवाल, वाराणसी आदि कलाकार प्रस्तुति देंगे. इसके साथ ही सुप्रसिद्ध कलाकार गौरव जैन एवं दीपशिखा जैन की जोड़ी भी अपना गायन प्रस्तुत करेंगे. बीकानेर के युवा कलाकार पिंटू स्वामी अन्यतम आकर्षण होंगे. 

इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल, भारत सरकार मुख्य अतिथि होंगे।  राजस्थान सरकार के गृहमंत्री श्री गुलाब चन्द जी कटारिया, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री कालीचरण सराफ, एवं सामाजिक न्याय व अल्पसंख्यक विभाग में राज्यमंत्री श्री अरुण चतुर्वेदी विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारेंगे. अन्य अनेक संसद, विधायक एवं अन्य गणमान्य लोग भी पधार रहे हैं जिनकी उपस्थिति इस कार्यक्रम की गरिमा में अभिवृद्धि करेगी.

समाज में प्रभावी कार्य करने वाले लोगों से हमें प्रेरणा मिलती है और है भी अच्छे कार्य करने के लिए उत्साहित होते हैं. समाज की विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित करना एक अच्छी प्रक्रिया होती है. इसी कड़ी में समाजके विभिन्न वर्गों के विशिष्ट व्यक्तियों को इस कार्यक्रम में सम्मानित भी किया जायेगा.

रविवार, ७ मई की सुबह श्रीपूज्य श्री जिन चंद्र सूरी जी महाराज का प्रवचन एवं श्रीपूज्यजी १००८ श्री जिन विजयेन्द्र सूरीश्वर जी महाराज के जीवन पर आधारित "विजय" पिक्चर दिखाई जायेगी। इसके बाद दादागुरुदेव की पूजा का कार्यक्रम रहेगा। दादागुरुदेव की पूजा पढ़ाएंगे अजीमगंज- कोलकाता के प्रसिद्द पूजा गायक गण श्री अंकित चुरोडिया, श्री किशोर सेठिया एवं श्री मोहित बोथरा. इनके साथ होंगे जयपुर के श्री पारस महमवाल।

सम्पूर्ण कार्यक्रम में श्रीपूज्य जी श्री जिन चंद्र सूरी जी के अतिरिक्त प् पू खरतर गच्छाधिपति मणिप्रभ सूरीश्वर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती प् पू गणिवर्य श्री मणिरत्न सागर जी महाराज एवं प् पू प्रवर्तिनी श्री विचक्षण श्री जी महाराज की सुशिष्या प् पु चन्द्रकला श्री जी महाराज का सान्निध्य भी प्राप्त होगा। 


मानव सेवा प्रभु सेवा का अभिन्न अंग है एवं सभी धर्माचार्यों ने इसका महत्त्व बताया है. इस भव्य कार्यक्रम के साथ मानव सेवा का एक सुनहरा अध्याय भी जुड़ने जा रहा है, अनेकों विकलांग व्यक्तियों को पैर लगाने की व्यवस्था की गई है. "जयपुर पैर" - श्री भगवन महावीर विकलांग सहायता समिति के तत्वावधान में लगाया जायेगा एवं संस्था के सचिव पद्मभूषण श्री डी आर मेहता स्वयं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे. जयपुर फुट के अतिरिक्त कैलिपर्स, बैशाखी, ट्राई साइकल, व्हील चेयर आदि भी प्रदान किया जाएगा. साथ ही वधिरों के लिए सुनने की मशीन भी दी जायेगी. 

इस कार्यक्रम में ओसवाल परिषद्, भगवान् महावीर विकलांग सहायता समिति, मूर्तिपूजक युवा महासंघ, खरतर गच्छ युवा परिषद्, ज्ञान विचक्षण महिला मंडल, जिन कुशल युवा मंडल आदि अनेक संस्थाओं का सहयोग हमें प्राप्त हो रहा है. 

६ मई को दोपहर २ बजे जयपुर के विभिन्न भागों से वातानुकूलित बसों की व्यवस्था की गई है. इन बसों का टिकट २१ अप्रैल से शिवजीराम भवन, दादाबाड़ी, जवाहरनगर, श्यामनगर, मालवीयनगर, मानसरोवर आदि स्थानों से प्राप्त होगा. 
आप सभी सादर आमंत्रित हैं.

ज्योति कुमार कोठारी                                                                                                        प्रकाश चन्द लोढ़ा
        संयोजक                                                                                                                    मुख्य सलाहकार


निवेदक
श्री जैन यति गुरुकुल संस्थान
नाल, बीकानेर

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Jaipur, Rajasthan, India
E-mail: info@vardhamaninfotech.com





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Sunday, April 9, 2017

कार्यक्रम: श्रीपूज्यजी विजयेन्द्र सूरीश्वर जी जन्मशताब्दी महोत्सव मालपुरा

कार्यक्रम श्रीपूज्यजी १००८ श्री जिन विजयेन्द्र सूरीश्वर जी महाराज जन्मशताब्दी महोत्सव
मालपुरा दादाबाड़ी, ६ व ७ मई, २०१७
सान्निध्य : श्रीपूज्य जी श्री जिन चंद्र सूरी जी महाराज

विजयेन्द्र सूरीश्वर राजे, छड़ीदार सेवक संग साजे,
जो यह गुरु इकतीसा गावे, सुन्दर लक्ष्मी लीला पावे।

 श्रीपूज्यजी १००८ श्री जिन विजयेन्द्र सूरीश्वर जी महाराज
श्रीपूज्य जी श्री जिन विजयेंद्र सूरीश्वर जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में पूज्य श्री की दीक्षा स्थली मालपुरा दादाबाड़ी में उनके दीक्षा दिवस के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम का भव्य आयोजन हो रहा है. शनिवार, ६ मई को दादाबाड़ी प्रांगण में भव्य रात्री जागरण एवं रविवार, ७ मई को दादागुरुदेव की पूजा कार्यक्रम के मुख्या आकर्षण होंगे. इसके अतिरिक्त तीर्थ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में ६ मई को अपरान्ह वेला में परमात्मा का वरघोड़ा एवं ७ मई की सुबह श्रीपुज्य जी श्री जिन चंद्र सूरी जी का प्रवचन भी होगा.

 जंगम युगप्रधान वृहद् भट्टारक, खरतर गच्छाधिपति, सिद्धांत महोदधि आदि अनेक  बिरुद से अलंकृत  श्रीपूज्यजी १००८ श्री जिन विजयेन्द्र सूरीश्वर जी महाराज श्रीपूज्यों की परंपरा के महान संत थे. वे बीकानेर बड़ी गद्दी के श्रीपूज्य एवं राजमान्य थे. बड़ी संख्या में यतिगण उन भक्तवत्सल के आज्ञा में विचरण करते थे. उनके आशीर्वाद से उनके छड़ीदार "गोपाल" ने गुरु इकतीसा की रचना की जिसका आज भी भक्तगण निरंतर पाठ करते हैं.

मानव सेवा प्रभु सेवा का अभिन्न अंग है एवं सभी धर्माचार्यों ने इसका महत्त्व बताया है. इस भव्य कार्यक्रम के साथ मानव सेवा का एक सुनहरा अध्याय भी जुड़ने जा रहा है, अनेकों विकलांग व्यक्तियों को पेअर लगाने की व्यवस्था की गई है. "जयपुर पैर" - श्री भगवन महावीर विकलांग सहायता समिति के तत्वावधान में लगाया जायेगा एवं संस्था के सचिव पद्मभूषण श्री डी आर मेहता स्वयं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे.

राजस्थान की सुप्रसिद्ध म्युज़िक कम्पनी "वीणा कैसेट्स" द्वारा भक्ति संगीत के कार्यक्रम का मंचन किया जायेगा जिसमे प्रसिद्द गायक कलाकार सतीश देहरा, मुंबई (रामायण ख्यात), श्रीमती मुकुल सोनी, रीवा, एवं सुश्री श्वेता जायसवाल, वाराणसी आदि कलाकार प्रस्तुति देंगे. दादागुरुदेव की पूजा पढ़ाएंगे अजीमगंज- कोलकाता के गायक गैन श्री अंकित चुरोडिया, श्री किशोर सेठिया एवं श्री मोहित बोथरा. इनके साथ होंगे जयपुर के श्री पारस महमवाल।

समाज में प्रभावी कार्य करने वाले लोगों से हमें प्रेरणा मिलती है और है भी अच्छे कार्य करने के लिए उत्साहित होते हैं. समाज की विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित करना एक अच्छी प्रक्रिया होती है. इसी कड़ी में समाजके विभिन्न वर्गों के विशिष्ट व्यक्तियों को इस कार्यक्रम में सम्मानित भी किया जायेगा.

इस कार्यक्रम में कई केंद्रीय एवं राज्यस्तरीय मंत्रीगण, संसद, विधायक एवं अन्य गणमान्य लोग भी पधार रहे हैं जिनकी उपस्थिति इस कार्यक्रम की गरिमा में अभिवृद्धि करेगी.

आप सभी सादर आमंत्रित हैं.

निवेदक
श्री जैन यति गुरुकुल संस्थान
नाल, बीकानेर



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Jyoti Kothari (Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional)

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Sunday, April 2, 2017

कोलकाता के गायक कलाकार मालपुरा में पूजा पढ़ाएंगे



कोलकाता के गायक कलाकार मालपुरा में दादागुरुदेव की पूजा पढ़ाएंगे

विजयेन्द्र सूरीश्वर राजे, छड़ीदार सेवक संग साजे, 
जो यह गुरु इकतीसा गावे, सुन्दर लक्ष्मी लीला पावे। 

Malpura Dadabadi musical night
मालपुरा दादाबाड़ी में भक्ति संध्या का एक दृश्य 

श्रीपूज्य जी श्री जिन विजयेंद्र सूरीश्वर जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में मालपुरा दादाबाड़ी में दो दिवसीय कार्यक्रम का भव्य आयोजन हो रहा है , पूज्य श्री की दीक्षा स्थली मालपुरा में उनके दीक्षा दिवस शनिवार, ६ मई को भव्य रात्री जागरण एवं रविवार, ७ मई को दादागुरुदेव की पूजा होगी. कार्यक्रम की खास बात ये है की अजीमगंज - कोलकाता के गायक कलाकार वहां पर पूजा पढ़ाएंगे.


Sri pujya jin Vijayendra suri of Bikaner
श्रीपूज्य जी श्री जिन विजयेंद्र सूरीश्वर जी महाराज 

पूजा पढाने इतनी दुरी से पधार रहे हैं मुर्शिदाबाद संघ के मंत्री श्री अंकित चुरोडिया, श्री किशोर सेठिया एवं शास्त्रीय संगीत के प्रख्यात गायक श्री मोहित बोथरा. श्री अंकित चुरोडिया एवं श्री किशोर सेठिया इससे पूर्व ७ अगस्त सन २०११ में सत्रह भेदी पूजा भी पढ़ा चुके हैं. इस पूजा का आयोजन सत्रह भेदी पूजा की रचना के ४५० वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में किया गया था. ये तीनो गायक कलाकार पहली बार मालपुरा में श्री राम ऋद्धिसार द्वारा रचित प्रसिद्द दादागुरुदेव की पूजा पढ़ायेंगे।

आप सभी सादर आमंत्रित हैं.

ज्योति कोठारी 

#अजीमगंज #कोलकाता #गायक #कलाकार #मालपुरा #दादाबाड़ी #दादागुरुदेव #पूजा #विजयेन्द्र #सूरी #श्री पूज्य 

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Friday, March 17, 2017

श्रीपूज्य जिन विजयेन्द्र सूरीश्वर जी महाराज जन्मशताब्दी महोत्सव मालपुरा दादाबाड़ी में

श्रीपूज्य जिन विजयेन्द्र सूरीश्वर जी महाराज जन्मशताब्दी महोत्सव मालपुरा दादाबाड़ी में
शनिवार ६ मई  व रविवार ७ मई, २०१७

मालपुरा दादाबाड़ी में भक्ति संध्या का एक उल्लासपूर्ण दृश्य 

विजयेन्द्र सूरीश्वर राजे, छड़ीदार सेवक संग साजे, 
जो यह गुरु इकतीस गावे, सुन्दर लक्ष्मी लीला पावे। 

 जंगम युगप्रधान वृहद् भट्टारक, खरतर गच्छाधिपति, सिद्धांत महोदधि आदि अनेक  बिरुद से अलंकृत  श्रीपूज्यजी १००८ श्री जिन विजयेन्द्र सूरीश्वर जी महाराज श्रीपूज्यों की परंपरा के महान संत थे. वे बीकानेर बड़ी गद्दी के श्रीपूज्य एवं राजमान्य थे. बड़ी संख्या में यतिगण उन भक्तवत्सल के आज्ञा में विचरण करते थे. उनके आशीर्वाद से उनके छड़ीदार "गोपाल" ने गुरु इकतीसा की रचना की जिसका आज भी भक्तगण निरंतर पाठ करते हैं.

श्री जिन विजयेंद्र सूरी
श्रीपूज्य श्री जिन विजयेन्द्र सूरी सेवा के प्रतिमूर्ति थे एवं उनके जीवन में उन्की प्रेरणा से अनेक मानव सेवा के कार्य हुए हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस भव्य महोत्सव के साथ दिव्यांगों की सहायता के लिए भी एक शिविर का आयोजन किया जायेगा. इस शिविर में दिव्यांगों के पैर लगाने का, श्रवण यंत्र देने का एवं ट्राइसाइकल वितरण का कार्य भी मालपुरा की पावनस्थली में किया जाएगा. भगवान् महावीर विकलांग सहायता समिति के माध्यम से यह कार्य किया जायेगा।  इस अवसर पर पद्मभूषण श्री देवेंद्र राज मेहता भी स्वयं उपस्थित रहेंगे.

श्री देवेंद्र राज मेहता जयपुर पैर के साथ 
यह वर्ष श्रीपूज्यजी १००८ श्री जिन विजयेन्द्र सूरीश्वर जी महाराज का जन्मशताब्दी वर्ष है और इस उपलक्ष्य में वर्ष भर अनेक कार्यक्रमो का आयोजन किया जा रहा है।  इसी कड़ी में पूज्य श्री की दीक्षा स्थली मालपुरा में उनके दीक्षा दिवस (मई ६ व ७, शनि एवं रविवार) पर रात्रि जागरण, पूजा सहित दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में कई केंद्रीय एवं राजस्थान सरकार के मंत्रीगण एवं अन्य विशिष्ट जन भी पधारनेवाले हैं.

इस हर्षोलासपूर्ण महोत्सव में आप सब की उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है.

कार्यक्रम
६ मई २०१७
विशाल एवं भव्य रात्रि जागरण
सायं ८ बजे से
संगीत प्रस्तुति
वीणा कैसेट्स द्वारा

७ मई २०१७ 
प्रातः १० बजे से
दादागुरुदेव बड़ी पूजन
गायक कलाकार: किशोर सेठिया, अंकित चुरोडिया एवं मोहित बोथरा, कोलकाता



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Friday, March 10, 2017

Heart Transplant center in Jaipur ह्रदय प्रत्यारोपण केंद्र, जयपुर


Heart Transplant center in Jaipur

 ह्रदय प्रत्यारोपण केंद्र, जयपुर  


 ह्रदय प्रत्यारोपण Heart transplant
Heart Transplant
Smt. Vasundhara Raje, Hon'ble Chief Minister of Rajasthan announced for a Heart Transplant center in Jaipur in her budget speech on March 8, 2017. The center will be established in the SMS hospital and medical college in Jaipur. Dr. Anil Sharma, Professor and HOD, Cardiothoracic and Vascular surgery department in Sawai Mansingh Hospital and Medical college is enthusiastic about the center. He has played a vital role in convincing the CM for the center. 

 ह्रदय प्रत्यारोपण Heart transplant
 ह्रदय प्रत्यारोपण
Only a few cities in India have the facility of a heart transplant and Jaipur will be a new addition to the list. Eight patients are already on the waiting list for their heart transplant and they are also hopeful. I would like to congratulate both Vasundhara Raje, the CM, Rajasthan and Kalicharan Saraf, Hon'ble Health minister for this gift to the pink city.

The state government has sanctioned a budget of Rs. 18 Crore for equipment and Rs. 2 Crore for civil construction for the proposed center. Dr. Anil Sharma told me that he is capable of doing a heart transplant and has already assisted two transplants. He has been instrumental to several critical heart surgeries and his name is proposed for Guinness book of world records.

Dr. Anil Sharma, Cardiothoracic and Vascular surgery Jaipur
Dr. Anil Sharma
Jaipur is known for its medical facilities having several multispecialty hospitals. The city is well-known for Jaipur foot (Bhagwan Mahavira Vikalanga Sahayta Samiti) and its cancer hospital. The heart transplant center will add a feather in the city's cap. This will also increase medical tourism in Jaipur.

बिमारियों के लक्षण और सरल उपचार के हिंदी विडियो


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Jyoti Kothari
(Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries-Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional)

#HeartTransplant # SMS #Hospital #Jaipur # ह्रदयप्रत्यारोपण

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Sunday, March 5, 2017

बिमारियों के लक्षण और सरल उपचार के हिंदी विडियो



बिमारियों के लक्षण और सरल व घरेलु उपचार के हिंदी विडियो 


सभी व्यक्ति कभी न कभी किसी बीमारी से पीड़ित होते हैं और उसे मिटने के लिए उन्हें इलाज़ करवाना पड़ता है. इलाज के लिए हम डॉक्टर, वैद्य आदि के पास जाते हैं और प्रायः यह काफी महँगा होता है लेकिन कई ऐसे छोटे मोटे और सरल तरीके भी होते हैं जिससे हम बिमारियों से निजात पा सकते हैं. यद्यपि यह हमेसा किसी विशेषज्ञ द्वारा की गई चिकित्सा का विकल्प नहीं हो सकता है फिर भी कई बार कारगर इलाज भी सावित होता है।
अपने शहर में डॉक्टर ढूंढने के लिए यहाँ क्लिक करें

रोगों के बारे में जानना बेहद महत्वपूर्ण है और उसका निदान होना उससे भी ज्यादा जरुरी है. रोगों का निदान सही तरीके से होने पर ही कारगर इलाज हो पाता है.

Healthcare 


हिंदी वीडियो 

हम कई जगह पर इनके बारे में पढ़ते या सुनते हैं पर हमेशा इन्हें याद नहीं रख पाते या पढ़ कर ठीक से समझ नहीं पाते। यदि सुनने के साथ किसी चीज को देख भी लिया जाए तो जल्दी समझ में आता है और अक्सर याद  भी रह जाता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं घरेलु व सरल उपचार के कुछ विडियो संकलित किये गए हैं. यहाँ पर मैंने इस प्रकार के कुछ विडियो का संकलन किया है जो की इस ब्लॉग के पाठकों के लिए उपयोगी हो सकता है.

आप नीचे क्लीक कर के इन स्वास्थ्य सम्वन्धी वीडियों को देख सकते हैं. हो सकता है की ये आपको अपनी या अपने किसी परिचितों की बीमारी, उसके लक्षण को समझने में मदद करे या उससे बचने के उपाय बता सके. हो सकता है कोई सरल सा घरेलु उपचार आपको किसी बीमारी या तकलीफ से छुटकारा दिला दे. यहाँ पर केवल नमूने के तौर पर स्वास्थ्य सम्वन्धी हिंदी विडियो पोस्ट किये गए हैं, और ५०० विडियो देखने के लिए इन विडियो के नीचे दिए गए लिंक पर क्लीक करें.

500 Healthcare videos in Hindi



निम्न रक्तचाप के घरेलु उपचार हिंदी विडियो 



लंबाई बढ़ने के आसान उपाय हिंदी विडियो 


माइग्रेन का दर्द कैसे दूर करें हिंदी विडियो 


दमा (अस्थमा) से बचाव कैसे करें हिंदी विडियो 



#घरेलु #उपचार #बिमारियों #बीमारी #लक्षण #सरल #स्वास्थ्य #हिंदी #विडियो #रोग #निदान

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Vardhaman Infotech
eCommerce and Mobile Application development 
Jaipur Rajasthan, India
E-mail: info@vardhamaninfotech.com

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Sunday, February 26, 2017

Standard vocabulary in Ayurveda

Standard vocabulary in Ayurveda 


National Institute of Ayurveda (NIA) Jaipur
National Institute of Ayurveda (NIA) has taken initiative to prepare a standard (common) vocabulary of the diseases. Different Ayurvedic institutes and medical practitioners at different places use different words for the same disease. A standard vocabulary will solve the problem. Jaipur will host a 3 days' workshop soon and more than fifty specialists will discuss the topic to frame a common vocabulary. 

Professor Sharma, Director, NIA, Jodhpur told that Human Resource Development ministry has been supporting the project and scientific and technical vocabulary department will review the project.

It is worth noted that Ayurveda is the oldest and most scientific methodology of treating ailments. Sushruta Samhita and Charaka Samhita are among the oldest medical texts. However, Allopathy has replaced all other methodologies since the 19th century and Ayurveda- along with other therapies, is considered as alternate therapies. Moreover, whenever, we think of a medical professional we think and search of an allopathic doctor or surgeon.

A serious effort is required to revive the technique of Ayurveda. Creating a standard vocabulary is a welcome step towards the same.

Curecity: The Medical Portal Blog
Curecity Healthcare Videos in Hindi

Thanks,
Jyoti Kothari (Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional)

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Thursday, February 23, 2017

Search Curecity and Find Doctors, Hospitals, Clinics in various Indian cities


Search Curecity and Find Doctors, Hospitals, Clinics in various Indian cities

Modern day surgery 
All of us need doctors at this or that point of time for the treatment of this or that ailment. We ned for ourselves or for our friends and family. Sometimes we need hospitals or clinics for healthcare needs. Sometimes we know the right doctors but many a time it is difficult to know about or find an appropriate doctor.

It is critical to find an appropriate and suitable medical practitioner, a specialist or a super specialist at the time of ailments. Curecity helps in finding a doctor, his or her clinic, and a hospital if necessary.

Curecity has a city wise searchable database of medical practitioners and specialists. You can search and find them along with hospitals, clinics etc. Please click here to know more Curecity About us and you may contact by clicking here Curecity Contact us

Moreover, you can find health related articles in the blog section of the portal Curecity Blog

The most interesting fact is that all these are free of cost and you need not pay any money for the same. We are attaching few sample videos created by Curecity that can show the working process of the web portal. Please watch the videos.



Video Medical Search Engine by Curecity


Video Find dentists in Jaipur by Curecity



Video Find dentists in Bengaluru by Curecity

Video Find dentists in Mumbai by Curecity


Video Find ENT specialists in Jaipur by Curecity


Video Find cardiologists in Jaipur by Curecity

Video Find doctors in India by Curecity

Curecity FAQ
Curecity: The Medical Portal Blog
Curecity Healthcare Videos in Hindi
Thanks,
Jyoti Kothari (Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is the adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional)

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Friday, January 27, 2017

Jaipur Marathon and Curecity



Jaipur Marathon will be held on Sunday, February 5, 2017, this year. Sports lovers are enthusiastic about the mega event that occurs in Jaipur every year. Curecity, a digital healthcare platform is a partner in the event. 

Curecity 
Sanskriti Yuva Sansthan and World Trade Park have been organizing the event for the last seven years and this will be the 8th. Running Marathon is a difficult and herculean task that needs, stamina, patience, and zeal to run. 

Besides full Marathon, there will be a half Marathon of 23 KM. There will also be a 6 KM run for amateur runners to encourage running. Everybody of us knows that running is the best exercise to keep a man healthy. 

Curecity cares for the health and the digital healthcare platform supports you in finding doctors, clinics, hospitals etc in your city. It also provides various healthcare tips. You can also find medical articles related to various diseases, symptoms, and precautions in the website. 

Curecity organizes various competitions to bring awareness among youth and students about healthcare. It is partnering in the mega event of Jaipur Marathon to spread awareness and encourage healthy natural living. 

Thanks,
Jyoti Kothari
Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is an adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional)

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Friday, January 6, 2017

NCLT, a web portal for CA and Company law professionals


I have found NCLT, a web portal for CA and Company law professionals that has tons of information about Companies act 2013/1956. NCLT stands for New Corporate Law Treatise. The portal is offered by legal professionals based in New Delhi, the capital of India.

It remained difficult not only for common people but for the legal professionals and Chartered accountants for a long time to get information about the legal provisions of Companies act 2013/1956 to smoothly run their businesses and to serve legal needs of their clients. The NCLT web portal is a one-stop solution for them.

You can find the complete act, both the old 1956 and the new 2013 versions (Companies act, India) along with rules and draft rules in the NCLT. There are different sections for forms, notifications, circulars and orders about the act. These sections are easy to use and comfortable for finding information.

There are other sections such as definitions, guidelines, and schedules that add value to the digital platform. One can get the latest news about government and non-government activities in the news section.

Promoters of the NCLT web portal are continually adding materials for the users. They have already added various useful sections likes of Penalties, resolutions, exemptions etc.  New Corporate Law Treatise website has increased its utility manifolds by a recent addition of Q and A section. One can ask a question about legal complications to get an answer from an expert of the Companies act.

I believe that this web portal is very useful and will be loved by both the legal professionals, Chartered accountants, and corporations. This may be proved as a blessing for the researchers, scholars and students of corporate law in India. However, one has to create a user account to view all the pages. Signing up is free.

I have added few videos that can also help you understanding the Companies act 2013.



Thanks,
Jyoti Kothari 
(Jyoti Kothari is an ISO 9000 professional. He is adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur.  He is also proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur, representing Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. )


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New Corporate Law Treatise NCLT 

#NCLT #CompaniesAct2013 #CompaniesAct1956 #CompaniesAct #CA #CharteredAccountants #CorporateLaw #Law #India #LegalProfessionals #NewCorporateLawTreatise #Video 

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Friday, December 16, 2016

श्रीमद देवचंद का आध्यात्मिक एवं भक्ति साहित्य


श्रीमद देवचंद (देवचन्द्र) जैन शासन के एक ज्वाजल्यमान नक्षत्र थे. खरतर गच्छ के महान उपाध्याय  श्री राजसागर जी के शिष्य उपाध्याय दीपचंद जी उनके गुरु थे. १७ वीं सदी के ये महान आध्यात्मिक पुरुष थे जिन्होंने जैन शासन, अपने गुरु, एवं खरतर गच्छ को धन्य किया था. वे महान पंडित एवं विद्वान थे एवं उत्कृष्ट आध्यात्मिक साहित्य का सृजन किया था. उनकी रचनाएँ आज भी जनमानस में लोकप्रिय है व विद्वानों एवं शोधार्थियों को अपनी और आकर्षित करती है।  आपका मुख्य विचरण क्षेत्र गुजरात, राजस्थान एवं महाराष्ट्र रहा एवं उनकी रचनाओं में इन भाषाओँ का प्रयोग बाहुल्य से हुआ है.

ह्रींकार में चौवीस तीर्थंकरों की स्थापना 
श्रीमद देवचंद द्वारा रचित चौवीसीयां एवं स्नात्र पूजा सर्वाधिक लोकप्रिय ह. उन्होंने "वर्त्तमान चौवीसी" के अतिरिक्त अतीत एवं अनागत चौवीसीयों की भी रचना कर भक्ति साहित्य के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान किया है. उनकी "विहरमान बीसी" भी प्रख्यात है. उनकी सभी रचनाएँ द्रव्यानुयोग से भरपूर है एवं आत्मार्थी जनों के लिए विशेष उपयोगी है. उनके भक्ति साहित्य की विशेषता ये है की उसमे कहीं भी दीनता सांसारिक याचना का भाव नहीं है. वहां तो केवल अरिहंत प्रभु के अतुलनीय गुणों का उल्लेख कर उन जैसा बनने की भावना है. आनंदघन जी के समान ही उनकी चौवीसी भी गच्छ मत परंपरा से ऊपर उठकर है। इसके अलावा भी उन्होंने अनेक स्तवनों की रचना की है.

श्रीमद देवचंद जी ने अपनी वर्त्तमान चौवीसी का "स्वोपज्ञ बालाववोध" भी लिखा है जिसमे केवल श्वेताम्बर ही नहीं अपितु दिगंबर साहित्यों का भी खुलकर सन्दर्भ दिया है।  यह उनकी गच्छातीत मनोवृत्ति का परिचायक है.

श्रीमद देवचंद कृत "स्नात्र पूजा" सभी स्नात्र पूजन में सबसे प्राचीन है और यह भी आगमों को निचोड़ कर बनाया गया है. इसमें संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश के अलावा प्राचीन हिंदी, ब्रज, गुर्जर यहाँ तक की मराठी भाषा का भी यत्र तत्र प्रयोग किया गया है. यह पूजा अपने पद लालित्य एवं प्रासाद गुण के कारण सामान्य जन और विद्वद्जनों में समान रूप से लोकप्रिय है.

संकलन वरिष्ठ आचार्य विमल गच्छ के श्री ज्ञानविमल सूरी के काव्य एवं वाचक यशोविजय जी के श्रीपाल रास के ढालों के साथ स्वकृत रचना को जोड़ कर श्रीमद देवचंद जी ने "नवपद पूजा" की रचना की जो आज की सभी प्रचलित जैन पूजन में सबसे ज्यादा गायी जाती है. स्वर्गीय आचार्य श्री विजय भुवनभानु सूरी जी महाराज ने इसकी एक एक पूजा पर विवेचन करते हुए एक एक पुस्तक गुजरती भाषा में लिखी है.

भक्ति साहित्य के अतिरिक्त आपने द्रव्यानुयोग पर अनेक साहित्य का सृजन किया है. श्रीमद देवचंद रचित "आगमसार" सम्पूर्ण जैन आगमो को समझने के लिए उमास्वाति कृत तत्वार्थ सूत्र (मोक्ष शास्त्र) के बाद सर्वाधिक उपयोगी है।  "अध्यात्म प्रबोध देशना सार" (संस्कृत) एवं "अध्यात्म गीता" (हिंदी) अध्यात्म की गहराइयों को छूनेवाली रचनाएँ हैं.  अध्यात्म प्रबोध देशना सार का हिंदी अनुवाद स्वर्गीया प्रवर्तिनी श्री सज्जन श्री जी महाराज ने किया है. द्वारा रचित "अष्ट प्रवचनमाता की सज्झाय" मुनि जीवन के उत्कृष्ट संवर भाव एवं उत्सर्ग-अपवाद मार्ग के हार्दिक मर्म को समझने में अत्यंत उपयोगी है.

श्रीमद देवचंद ने कर्मग्रंथों पर टबा लिख कर दुरूह कर्म साहित्य को समझाने में बहुत मदद की है. इसके साथ ही दिगंबर जैन आचार्य शुभचन्द्र द्वारा विरचित "ज्ञानार्णव" ग्रन्थ पर "ध्यान दीपिका चतुष्पदी" नाम की गुजराती टीका भी लिखी है जो जैन पद्धति के ध्यान को अष्टांग योग से जोड़ते हुए उसका विवेचन करती है.

आपके विशाल साहित्य समुद्र की ये एक झलक मात्र है. सर्वप्रथम तपागच्छीय आचार्य श्री वुद्धिसागर सूरी जी ने आपके साहित्यों को हस्तलिखित ग्रंथों से खोज कर  "श्रीमद देवचंद भाग १ - ३ " तक प्रकाशित करवाया था. उसके बाद अनेक जैन आचार्यों, मुनियों एवं श्रावकों ने उनके ग्रंथों के प्रकाशन, अर्थ, एवं शोध के द्वारा अपना योगदान दिया है. इनमे अध्यात्मयोगी श्री कलापूर्ण सूरी, मुनि श्री जयानंद जी, प्रवर्तिनी साध्वी श्री सज्जन श्री जी, अगरचंद भंवरलाल नाहटा, केशरी चंद लुनिया, उमरावमल जरगड़ आदि के का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है.

श्रीमद देवचंद कृत मनोगुप्ति की सज्झाय

श्रीमद देवचंद जी से संवंधित कुछ साहित्य राष्ट्रीय इ- लाइब्रेरी में भी उपलब्ध है जिनके लिंक यहाँ दिए जा रहे हैं.
  • Adhyatma-prabodh Uparnam Deshnasaar 

    Devchandra (Jaipur, Shri Punya Suvarna Gyanpith, Banasthali University, Hindi, 1989)
  • Agamsarodwar 

    Devchandra (Padra, Shri Adhyatma Gyanprasarak Mandal, Banasthali University, Hindi, 1927)
  • Dravya Prakash 

    Devchandra (Bikaner Rajasthan Abhay Jain Granthmala, Banasthali University, Hindi, 1975)
  • Nay Chakrasar 

    Devchandra (Falodhi, Shri Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala, Banasthali University, Hindi, 1928)
  • Nay Chakrasar Ane Gurugun Chatrishi 

    Devchandra (Padra, Shri Adhyatma Gyanprasarak Mandal, Banasthali University, Hindi, 1929)
  • Shri Gyanmanjari 

    Devchandra (Xxxx, Banasthali University, Gujarati, 1939)

Chaturvishati Jin Satvan 

Devchand Ji Shrimad (Shri Jindatt Soori Sewa Sang Mumbai 2, Bharatiya Jnanpith, Delhi, Hindi, 1959)

श्रीमद देवचंद पदानुदास
ज्योति कोठारी 

#श्रीमददेवचंद #जैन #शासन #आध्यात्मिक #साहित्य  #स्नात्रपूजा  #देवचंद #चौवीसी
Shrimad Devchand (Devchandra) and his spiritual and devotional literature


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Thursday, December 8, 2016

Vardhaman Infotech, Mobile Application Development Company in Jaipur


Vardhaman Infotech leading Web and Mobile App Development Company


Vardhaman Infotech is a leading Web and Mobile Application Development Company in Jaipur that develops mainly Android and iPhone applications along with eCommerce and other websites. The Jaipur based Information technology Company has its expertise in developing mobile applications. Vardhaman Infotech has developed hundreds of mobile apps for its clients in India and overseas.



Digitization of India


We know that India has been going digitized and mobile phones are playing a major role in internet connectivity. A few years back, the scenario was different when one has to have a personal computer to access the internet. Not many people had a capacity to buy a PC in India nor they willing to do so. It was true especially for the rural areas and among the lower income groups.

Smartphones have brought a positive change among the rural and economically deprived and people at large in India. Most of them got digitized and are enjoying internet connectivity irrespective of their locations. Hence, mobile phones are playing a vital role in digitizing Indians.

Mobile Application Development


Mobile applications, especially the Android ones, are an essential tool to reach all these people. They are big in numbers and having a mobile application is not only an advantage but essential for businesses, governments, educational institutions, and social organizations.

Narendra Modi, the Prime Minister of India has a keen interest in modernizing India and digitization is a primary tool for the same. The government of India has put all its efforts to transform India into a "Cashless" economy after demonetization. Mobile phones and mobile applications are the essentials for the same.

"StartUp" and "Stand Up" are other flagship programs of the Indian government and several state governments are also supporting the movement. Tech startups need web and mobile based applications to run and grow their businesses. Vardhaman Infotech has a specialization in designing and developing these applications and help startups right from the planning stage to implementation and promotion.

eCommerce website in the newest technology



eCommerce development in Jaipur




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Vardhaman Infotech,
A leading IT company in Jaipur.

#MobileApplicationDevelopment #Jaipur, #VardhamanInfotech, #Smartphones, #StartUp, #StandUp #DigitalIndia

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Sunday, December 4, 2016

नोटबंदी से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार कम होगा


नोटबंदी के दूरगामी प्रभाव से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार कम होगा। हम सभी जानते हैं की भारत में सरकारी तंत्र कितना भ्रष्ट है. राजनैतिक हस्तक्षेप एवं लालफीताशाही ने देश को बुरी तरह से जकड रखा है. हर काम के लिए सम्पूर्ण सरकारी तंत्र में रिश्वत खोरी व भ्रष्टाचार का बोलबाला है. मंत्री, जान प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, राजनैतिक दलों के नेता से लेकर बाबु और चपरासी तक घूसखोरी के लिए बदनाम हैं. अबतो न्यायपालिका और मीडिया भी बुरी तरह भ्रष्टाचार के चपेट में है. 


रिश्वत में कालाधन: बढ़ता भ्रष्टाचार 
हम ये भी जानते हैं की रिश्वत में दिया जाने वाला धन कालाधन ही होता है जिसका कोई हिसाब किताब नहीं रखा जाता। न देनेवाला इसे कहीं बताता है और न ही लेनेवाला। इस तरह कालेधन की ताक़त से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार पनपता रहता है. इसे ऐसे भी कह सकते हैं की सरकारी तंत्र में रिश्वतखोरी कालेधन के सृजन को बढ़ावा देती है. ये भी सर्वविदित है की रिश्वत की रकम प्रायः नगदी के रूप में ही दिया जाता है. इसे बैंकों के माध्यम से या बही खतों में दर्ज कर नहीं दिया जाता। नगद लेनदेन पर अंकुश लगने से रिश्वतखोरी पर भी स्वतः ही अंकुश लगेगा.  

नोटबंदी के दौरान जहाँ अधिकांश बैंक कर्मचारियों ने अपनी लगन व मेहनत से जनता को राहत पहुचाने की कोशिश में रातदिन जुटे रहे वहीँ कुछ भ्रष्ट बैंक कर्मचारियों ने अपनी जेब भरने के लिए इस व्यवस्था को ही फेल करने की कोशिश की. अभी एक दो दिन पूर्व ही ऐसे २७ भ्रष्ट बैंक कर्मियों को निलंबित किया गया एवं ६ का तबादला कर दिया गया. यह भी देखने में आ रहा है की इन दिनों सर्कार भ्रष्ट कर्मचारियों पर अंकुश लगाने का लगातार प्रयत्न कर रही है. 

इन सबसे यह उम्मीद तो बढ़ती ही है की नोटबंदी से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी कम होगी और ईमानदारी से काम होने लगेगा. हालाँकि मैं यह भी नहीं मानता की घूसखोरी पूरी तरह से समाप्त हो जायेगा पर इसपे प्रभावी अंकुश जरूर लगेगा। 

पिछले एक महीने से नोटबंदी के प्रभाव पर लगातार लिख कर जनमत बनाने का प्रयास किया जा रहा है और इसमें आप सब का दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण है अतः अपने विचारों से भी अवगत कराएं जिससे यह चर्चा और भी व्यापक एवं जनहित में हो सके. कृपया अपने कमेंट जरूर करें। इस लेख को अपने परिवार जनों एवं मित्रों तक भी पहुचाएं, एवं व्हाट्सएप, फेसबुक आदि में भी अवश्य शेयर करें जिससे यह जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुच सके.

 कृपया इन लेखों को पढ़ना न भूले। 
५००, १००० के नोट बंद होने का भारत की अर्थनीति पे असर

जाली नोट होंगे बाहर, घटेगा कालाधन: नोट बंद होने का असर


Jyoti Kothari
(Jyoti Kothari, Proprietor, Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is adviser, Vardhaman Infotech, a leading IT company in Jaipur. He is also ISO 9000 professional)

 #नोटबंदी #सरकारीतंत्र #भ्रष्टाचार #रिश्वतखोरी #कालाधन #लालफीताशाही

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